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नि:शुल्क गीता वितरण के साथ गुरुवार पूर्णिमा को होगा गीता प्रचार पखवाड़े का समापन

नि:शुल्क गीता वितरण के साथ गुरुवार पूर्णिमा को होगा गीता प्रचार पखवाड़े का समापन


सवा लाख परिवारों तक पहुँची गीता की नि:शुल्क प्रतियाँ

मृत्यु का भय दूर करती है श्रीमद्भगवद्गीता : कैलाश मंथन

13 प्रांतों में संचालित हो रहा है अभियान



गुना। अंचल में गीता जयंती के अवसर पर विभिन्न धार्मिक संस्थाओं द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। गुरुवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा को निशुल्क गीता वितरण के साथ गीता प्रचार पखवाड़े का समापन होगा। मध्य भारत अंचल में चल रहे इस अभियान के अंतर्गत अब तक सवा लाख से अधिक परिवारों तक श्रीमद्भगवद्गीता की प्रतियाँ नि:शुल्क वितरित की जा चुकी हैं।


कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय नि:शुल्क गीता प्रचार मिशन, अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद मप्र, विराट हिन्दू उत्सव समिति एवं चिंतन मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे हैं। मोक्षदा एकादशी से गीता जयंती तक देश के 13 प्रांतों में गीता पाठ, स्वाध्याय, बौद्धिक वार्ता एवं गीता वितरण के विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रही।


मिशन के संस्थापक कैलाश मंथन ने गुना से अभियान का 38वाँ चरण प्रारंभ किया। वहीं लखनऊ के फैजुल्लागंज स्थित राधाकृष्ण मंदिर में मिशन की संयोजिका श्रीमती रश्मि मंथन द्वारा गीता वितरण किया गया। उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के दौरान 11 हजार परिवारों तक गीता पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसका शुभारंभ पिछले वर्ष प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं उनकी धर्मपत्नी नम्रता पाठक द्वारा किया गया था।


अभियान में हरिद्वार, जयपुर, अजमेर, इंदौर, भोपाल, प्रतापगढ़, कोलकाता सहित विभिन्न राज्यों की संयोजिकाओं एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। कैलाश मंथन ने कहा कि “गीता हमारी संस्कृति का आधार है। घर-घर गीता पहुँचेगी तभी सनातन धर्म में जागृति संभव है।” उन्होंने यह भी बताया कि गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने हेतु सभी प्रांतों में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।


गुना अंचल में अब तक 38 हजार से अधिक गीता की प्रतियाँ नि:शुल्क वितरित की जा चुकी हैं। अंचल के 18 प्रमुख कृष्ण मंदिरों में गीता पाठ एवं संकीर्तन के कार्यक्रम पूर्णिमा तक आयोजित किए जा रहे हैं।



जिला जेल में भी हुआ गीता वितरण, कैलाश मंथन सम्मानित


गीता जयंती पर गुना जिला जेल में भी एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें समाजसेवी कैलाश मंथन द्वारा बंदियों को नि:शुल्क गीता, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामनाम लेखन पुस्तिकाएँ एवं आध्यात्मिक साहित्य वितरित किया गया। पिछले एक वर्ष में जेल परिसर में उनके द्वारा 10 आध्यात्मिक कार्यक्रम संचालित किए गए हैं।


सकारात्मक परिवर्तन हेतु किए गए इन कार्यों के लिए जेल अधीक्षक अतुल सिंहा ने कैलाश मंथन को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। जेलर जसवंत सिंह की उपस्थिति में सभी बैरकों में श्रीमद्भगवद्गीता स्थापित कराई गई।


कैलाश मंथन ने कहा कि “गीता मृत्यु का भय मिटाती है। परमेश्वर की शरण और नाम-स्मरण ही मोक्ष का मार्ग है।”


कार्यक्रम का संचालन जेल शिक्षक मुकेश रावत ने किया। अंत में अधीक्षक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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