आरोन में चल रहा है आठ दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान
सिद्ध चक्र महामंडल विधान का चतुर्थ दिवस — चौसठ रिद्धि अर्घ समर्पित
आरोन में चल रहा है आठ दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान
आरोन — नगर में चातुर्मास कर रहे परम पूज्य मुनि श्री 108 दुर्लभ सागर जी महा मुनि राज के मंगल सान्निध्य तथा प्रतिष्ठाचार्य राज किंग भैया जी के निर्देशन में स्थानीय वर्तमान परिसर में आठ दिवसीय श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
विधान के चतुर्थ दिवस में प्रतिष्ठाचार्य भैया जी द्वारा सिद्ध चक्र पूजन के प्रत्येक श्लोक का वाचन कर उसका अर्थ सहित व्याख्यान किया गया। तत्पश्चात सभी इंद्राणियों ने श्रद्धा व समर्पण भाव से सिद्धों की भक्ति में चौसठ रिद्धि अर्घ समर्पित किए।
भैया जी ने विधान के महत्व को बताते हुए कहा कि सिद्धों की आराधना करने से समस्त कष्टों से मुक्ति एवं पापों का क्षय होता है। श्रद्धा से की गई सिद्ध परमेष्ठी की पूजा अशुभ कर्मों का नाश करती है।
उन्होंने बताया कि सिद्ध चक्र महामंडल विधान सर्वप्रथम सती मैना सुंदरी ने किया था। इसी विधान के पुण्य से उनके पति राजा श्रीपाल और उनके साथियों का कुष्ठ रोग दूर हुआ था। तभी से इस विधान की महिमा प्रचलित है।
आठ दिवसीय इस विधान में प्रतिदिन भक्तिभाव से सिद्ध परमेष्ठी को अर्घ समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक श्रावक को अपने जीवन में कम-से-कम एक बार इस विधान को करने का संकल्प अवश्य लेना चाहिए।
आज के विजय कुमार प्रवीण बांझल, पुरनचंद सुकांत जैन रहे चौसठ रिद्धि श्रीफल पुण्याजक तथा राजेश कुमार सुभाष कलेशिया परिवार रहे भोजनशाला पुण्याजक।
कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज की गरिमामयी उपस्थिति रही। समस्त जानकारी के. के. सरकार द्वारा दी गई।




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