प्रदूषण मुक्त नदी व ईकोफ्रेंडली मूर्ति विसर्जन के दौरान एकत्रित की अधुलनशील सामग्री
प्रदूषण मुक्त नदी व ईकोफ्रेंडली मूर्ति विसर्जन के दौरान एकत्रित की अधुलनशील सामग्री
गुना -स्वाधीन पर्यावरण व सामाजिक कार्यकर्ता सुचेताहम्बीर सिंह द्वारा प्रति वर्ष की तरह से कुलदीपिका सिंह मैमोरियल पर्यावरण जागरुकता अभियान के तहत प्रदूषण मुक्त नदी व ईकोफ्रेंडली मूर्ति विसर्जन के लिए डोलग्यारस व अनंत चतुर्दषी दोनों दिनों पर स्वच्छता को ध्यान देते हुऐ चौपट नदी मूर्ति विसर्जन रुठियाई व गीदिया पर मूर्ति विसर्जन से पूर्व लोगों को अघुलनषील विसर्जन सामग्री के हांनिकारक प्रदूषणों के बारे में अवगत कराया और कहा कि पर्यावरण व जीवों के लिए हानिकारक प्लास्टर ऑफ पैरिस व कैमीकलों से निर्मित मूर्तियां को न खरीदें और किसी भी धार्मिक आयोजनों के प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए लोग सजावट के सामान व बोरियों में बंधी हुई विसर्जन सामग्री, पॉलिथिनों आदि को नदी व तालाबों में नही डालें क्योंकि अधिकांश नदी व तालाब दूषित हो चुके हैं और लोगों से आग्रह किया कि मूर्तियों का विसर्जन किसी अस्थाई जल कुंड में ही करें।
इस दौरान रुठियाई व गीदिया चौपट नदी घाट पर कार्टनों में पॉलीथिनों, बोरियों, प्लास्टिक की मालाओं, कांच व कपडा आदि सभी करीब 200 किलोग्राम एकत्रित किऐ जिससें जलीय व थलीय जीवों को हानि से बचाने में योगदान मिलेगा।
किसी भी पवित्र नदियों व तालाबों को दूषित न करें क्योंकि पॉलीथिन व प्लास्टिक प्रदूषण मनुष्य व जीवों के लिए घातक हैं। वर्तमान में देश के स्वच्छ पर्यावरण व स्वच्छ समाज के लिए प्रत्येक व्यक्ति अपना योगदान दें।
सुचेताहम्बीर सिंह के जागरुकता अभियान से प्रेरित होकर जिले के कर्इ् गांव व शहर के सैकडों बच्चों ने सादा मिट्टी से स्वयं भगवान गणेशजी की प्रतिमा बनाई व उनका विसर्जन भी घर पर ही किया है और कुछ बच्चों ने उस विसर्जन की मिट्टी में पौधे भी लगाए। प्लास्टिक व पौलिथिन प्रदूषण के कारण समुद्रीय जीवों की कई प्रजातियां नश्ट हो चुकी है इसलिऐ पौलिथिन प्रतिबंध में सभी आमजन सहयोग करें।







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