Breaking News

बदलता भारत दुनियां का नेतृत्व करेगा:कैलाश सत्यार्थी

बदलता भारत दुनियां का नेतृत्व करेगा:कैलाश सत्यार्थी

सीसीएफ के मंच से कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों से किया संवाद

19 राज्यों के तीन हजार बच्चों ने की भागीदारी


अशोकनगर-नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने आज चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन के प्लेटफार्म पर देशभर के 150 से अधिक जिलों के बच्चों के साथ संवाद किया, उनके सवालों के जवाब दिए और भविष्य की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव पर फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ राघवेंद्र शर्मा ने की।

बच्चों के साथ बातचीत करते हुए श्री सत्यार्थी ने कहा कि आने वाला भारत अपने मूल्यों विचारों और महान संस्कृति के बल पर एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने का काम करेगा जो उसकी लाखों साल पुरानी वसुधैव कुटुंबकम की धारणा   का साकार रूप होगी। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब भारत को सांप सपेरे और बीन बजाने वाले गरीबों का देश समझा जाता था। यहां से पढ़े लिखे लोग भी अपने भाग्य को चमकाने के लिए विदेशों में जाकर काम करना पसंद करते थे ।लेकिन अब एक नया भारत आकार ले रहा है। मैं दुनिया भर में अपने अनुभव से बता सकता हूँ कि आजकल  मुझे हजारों भारतीय अपने वतन लौटते हुए नजर आते हैं, इन सबके मन में भारत और भारत माता के प्रति मैं एक विशिष्ट आकर्षण और समर्पण दोनों को देख पा रहा हूं। श्री सत्यार्थी ने कहा कि विदेशियों की नजर में जो उंगलियां  कभी बीन पर चलती थी वे आज अपने हाथों से सॉफ्टवेयर औऱ उन्नत तकनीकों के निर्माण में दुनियां का नेतृत्व कर रहे है।उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति सबको साथ लेकर चलने की है इसलिए हमारे जीवन मूल्य सम्पूर्ण मानव जगत और प्रकर्ति के कल्याण की बात करते हैं।

श्री सत्यार्थी ने कहा कि स्वाधीनता का अमृत महोत्सव हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है कि जिस भावना के साथ हमारे पूर्वजों ने राष्ट्र के लिए बलिदान किया था उसे अपने अंतर्मन में भी आत्मसात करें।उन्होंने कहा कि तिरँगा हमें प्रेरणा देता है लेकिन यह देशभक्ति केवल नारों तक नही बल्कि अंतस में समाहित और लोकव्यवहार में प्रदर्शित भी होना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि आज भी लाखों बच्चे शिक्षा और परवरिश के बुनियादी अधिकार से वंचित है।इसलिए संत ,समाज और सरकारों को मिलकर एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना होगा जहां हर जन्मना बालक को उसके उत्कर्ष के नैसर्गिक अवसर सुनिश्चित हो सकें।

श्री सत्यार्थी ने कहा कि भारत की एक अरब आबादी एक अरब समस्याओं के समाधान में सक्षम है।

संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि अमृत महोत्सव का यह प्रसंग हमें अपने पूर्वजों और महान बलिदानियों के सपनों को साकार करने की प्रेरणा देता है।समुन्नत राष्ट्र के निर्माण में आज हर भारतीय की भूमिका की आवश्यकता है और बच्चे इस कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण है।कार्यक्रम का संचालन करते हुए फाउंडेशन के सचिव डॉ कृपाशंकर चौबे ने अमृत महोत्सव एवं राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास की जानकारी साझा की।कार्यक्रम की खासियत यह भी रही कि देश भर के 19 राज्यों के बच्चों ने अलग अलग श्री सत्यार्थी से अपने मन के सवाल पूछे।संवाद में अमेरिका,इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया ,जर्मनी,नेपाल के बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी ऑनलाइन भागीदारी की। कार्यक्रम में अशोकनगर से गुरुदेव संस्थान पर वंदना स्कूल के बच्चे एवं भूपेंद्र रघुवंशी सदस्य किशोर न्याय बोर्ड सहित पूर्व अध्यक्ष बाल कल्याण समिति श्री ओपी शर्मा , सौरभ रघुवंशी, राजनारायण शर्मा द्वारा ऑनलाइन भागीदारी रही l

नगर संवाददाता: अभिनय मोरे 

कोई टिप्पणी नहीं