किरायेदार का सत्यापन कराएं मकान मालिक – कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए.
किरायेदार का सत्यापन कराएं मकान मालिक – कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए.
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 अंतर्गत कलेक्टर द्वारा आदेश जारी
गुना -कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए. द्वारा जिले के समस्त मकान मालिकों को किरायेदार के सत्यापन की जानकारी संबंधित थाने में देने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक श्री राजीव कुमार मिश्रा के प्रतिवेदन के आधार पर अवगत कराया है कि जिले के अधिकांश मकान मालिक अंजान व्यक्तियों को अपना घर अथवा कमरा किराये पर दे रहें हैं, लेकिन किरायेदार की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सत्यापन हेतु सम्बंधित थाने को नहीं दे रहे हैं। परिणामस्वरूप किरायेदार का सत्यापन नहीं हो रहा है। मकान मालिक को अपने किरायेदारों का पुलिस द्वारा सत्यापन कराया जाना अतिआवश्यक है। वर्तमान समय में समाज में आपराधिक घटनायें तेजी से बढ रहीं हैं। इसका मुख्य कारण है कि अंजान व्यक्तियों का सत्यापन न होने से आपराधिक तत्व मकान को किराये पर लेकर रहते हैं जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं तथा अपने निवास के आस-पास की जानकारी प्राप्त कर आपराधिक घटनायें घटित कर जाते हैं। कभी-कभी देखने में आया है कि ऐसे किरायेदारों के द्वारा मकान मालिक के साथ भी आपराधिक घटनायें घटित की गई हैं। उक्त पत्र द्वारा ऐसे मकान मालिक जो अंजान व्यक्तियों को अपने घर व कमरे किराये पर देने के उपरांत पुलिस को जानकारी नहीं दे रहे हैं और किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराने वाले मकान मालिकों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक आदेश पारित करने हेतु अनुरोध किया गया है।
पुलिस अधीक्षक, जिला गुना के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री फ्रेंक नोबल ए. द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अन्तर्गत गुना जिले की राजस्व सीमा में निम्नानुसार प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं –
जिले के समस्त मकान मालिक अपना घर अथवा कमरा किसी भी व्यक्ति को किराये पर देने पर, किरायेदार की पूर्ण जानकारी प्रमाण सहित प्राप्त करेंगे तथा सत्यापन कराये जाने हेतु जानकारी सम्बंधित थाने को उपलब्ध करायेंगे।
किराये पर रहने वाले व्यक्तियों की जानकारी संबंधित थाना प्रभारी एकत्रित करेंगे ।
जारी आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144(2) के अन्तर्गत एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। जारी आदेश 03 फरवरी से 02 अप्रैल 2022 तक प्रभावशील किया गया है।



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