जन्म दिन पर पेड लगाकर दिया पयार्वरण संतुलन व काबर्न शून्य जीवनशैली का संदेश
गुना-बदलते मौसम, असंतुलित पयार्वरण को रोकने व विश्व समुदाय को अपने हित के लिऐ पेड लगाना आवश्यक है वतर्मान में हवा, पानी व जमीन तीनों ही जीव समुदाय के लिऐ जहरीली होती जा रहीं हैं जो कि बिलाशिता की जीवन शैली व आथिर्क लोभ का परिणाम है कि मनुष्य इन निशुल्क प्राकृतिक सुविधाओं को नष्ट कर रहा है जिसके परिणाम ग्लोबल वामिर्ंग, जहरीली हवा, अशुद्ध पानी व बिशैली जमीन के रुप में मनुष्य के सामने एक आपदा बन चुके हैं स्वाधीन पयार्वरण व सामाजिक कायर्कतार् सुचेताहम्बीर सिंह ने कुलदीपिका सिंह मैमोरियल पयार्वरण जागरुकता अभियान के तहत अपने जन्मदिन 7 जनवरी पर प्रति वर्ष की तरह इस बार भी गांव बेलका में 41 से अधिक फलदार पेडों (आम, कटहल, नीबू, अमरुद आदि) व बटवृक्ष का वृक्षारोपड व वितरण करके संदेश दिया कि आधुनिक जीवन में पयार्वरण संतुलन, जीवन संरक्षण, देश के काबर्न शून्य उत्सजर्न लक्ष्य व काबर्न न्यूट्रल जीवनशैली को अपनाने से पयार्वरणीय संकटों को टाला जा है इसलिए आमजन को अधिक से अधिक पेड लगाने का समय है इस पहल को अपनाकर देश का प्रत्येक व्यक्ति अपने व अपने परिजनों के जन्मदिन पर वृक्ष लगाए तो प्रतिवर्ष 140 करोड पौधों का वृक्षारोपड करके प्रति वर्ष करीब 300 लाख टन तक काबर्न डाईआॅक्साइड व प्रदूषण को सोखकर ग्लोबल वामिर्ंग की तबाही को रोका जा सकता है। पेड शहरों में बीमारी को फैलाने वाले प्रदूषण को अवषोशित करने के साथ ही भीषण बाढ, बफर्बारी व तूफान जैसी स्थिति को रोकने में सहायक होते हैं और फल व अमूल्य औशघि देते हैं इस वृक्षारोपड में बसंतीलाल अहिरवार, विकास यादव, बंटी यादव, धीरज अहिरवार, सोनू अहिरवार, बृजभान यादव, मेघराज अहिरवार, रामदयाल यादव, रामबाबू यादव, अनिल सहरिया, रामदयाल अहिरवार, सीमाबाई ने सहयोग दिया।



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