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डॉ. एस. एन. सुब्बाराव राव जी – युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत।

आलेख(आर्टिकल) डाॅ एस एन सुब्बाराव भाई जी की चतुर्थ पुण्य तिथि पर 


डॉ. एस. एन. सुब्बाराव राव जी – युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत।



स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी, विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात किया।

भारत भूमि ने ऐसे अनेक संत, समाजसेवी और प्रेरक व्यक्तित्वों को जन्म दिया है जिन्होंने अपना जीवन मानवता, अहिंसा और राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित किया। डॉ. एस. एन. सुब्बाराव राव जी (जिन्हें प्रेम से “भाईजी” कहा जाता था) ऐसे ही महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने युवाओं के जीवन में सकारात्मक सोच, प्रेम और सेवा की भावना जगाई। डॉ एस एन सुब्बाराव भाई जी अपने आप में चलते फिरते पुस्तकालय थे जो हर समय अपने साथ रहे व्यक्तियों को कुछ न कुछ सीखाते रहते थे।

- जीवन परिचय और प्रारंभिक प्रेरणा

डॉ. एस. एन. सुब्बाराव राव जी का जन्म 7 जनवरी 1929 को कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु में हुआ। बचपन से ही उनमें अहिंसा, सेवा और राष्ट्रभक्ति की भावना थी। उन्होंने स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी, विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात किया। युवावस्था में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे अपने जीवन को राष्ट्रनिर्माण के लिए समर्पित करेंगे।आप और हम जो बार बार भाई जी शब्द पढ़ और सुन रहे है यह डाकुओं (बागियों)ने ही डाॅ एस एन सुब्बाराव जी को दिया।

- स्वामी विवेकानंद के राष्ट्रवाद एवं गांधीवादी विचारधारा के सच्चे अनुयायी

भाईजी ने हमेशा यह सिखाया कि “सच्चा देशभक्त वही है जो मन, वचन और कर्म से दूसरों के सुख-दुख में सहभागी बने।”

वे कहते थे -

“युवक शक्ति यदि सही दिशा में लग जाए तो समाज की हर समस्या का समाधान संभव है।”

उन्होंने स्वामी विवेकानंद की भांति सारी उम्मीदें युवाओं से लगाई और युवा शिविरों का आयोजन करते रहे।गांधीजी के सिद्धांतों — सत्य, अहिंसा, सेवा और सहयोग — को जीवन के हर क्षेत्र में अपनाया और युवाओं को भी इन्हीं मूल्यों पर चलने की प्रेरणा दी।

दिल्ली के रागरंग छोड़कर भाई जी चम्बल क्षेत्र में आये और उस समय की सबसे बड़ी  समस्या बागियों (डाकुओं) की थी उस क्षेत्र में कार्य करना प्रारंभ किया।उन के बीच रहकर उनका ह्रदय परिवर्तन कर उस समय के कुख्यात 654 बागियों (डाकुओं)का समर्पण कराया जो मध्यप्रदेश , राजस्थान, उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र के राज्यों की ही नही भारत की एक बहुत बड़ी समस्या थी। मोहर सिंह,माधो सिंह इत्यादि बागियों का समर्पण कराया शासन और बागियों के बीच मध्यस्थता कर उनके पुनर्वास के लिए कार्य किया।भाई जी के प्रयास से बाद में अलग-अलग स्थानों पर समर्पण का क्रम चलता रहा।जिन हाथों में कभी बन्दुके थी और जिनकी एक धाहड़ से सम्पूर्ण बिहड़ कांप जाता था भाई जी ने उनका ह्रदय परिवर्तन कर समाज की मुख्य धारा में स्थान दिलाया।भाई जी ने अनेकों ऐसे कार्य किए जो हम सब के लिए प्रेरणादायक है न किसी को बताया न उनका किसी ने गुणगान किया। चुपचाप अपना काम करके बिना श्रेय लिए वहा से चले जाओ।यह भाई जी के जीवन की अलग ही विशेषता थी।

- राष्ट्रीय युवा परियोजना (National Youth Project)

डॉ. सुब्बाराव राव जी ने राष्ट्रीय युवा परियोजना (NYP) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था — देशभर के युवाओं में राष्ट्रीय एकता, भाईचारा और सेवा भाव का विकास करना।

इस परियोजना के माध्यम से उन्होंने हजारों युवाओं को ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वच्छता, नशा मुक्ति, और समाज सुधार के कार्यों से जोड़ा।भाई जी के शिविर 1969 से प्रारंभ हुए शिविरों में उन से पूर्व और पश्चात ऐसे हजारों युवा आये जिन्होंने भाई जी के साथ रहकर अपने जीवन उद्देश्य को समझा और अपने क्षेत्र में जाकर लग गया उसने पीछे मुडकर नही देखा और आज उनकी ख्याति पूरे विश्व में है। राष्ट्रीय युवा योजना भाई जी का परिवार है जो वास्तव में वसुधेव कुटुंबकम् के सन्देश को सार्थक करता है।भाई जी से जुड़ा प्रत्येक युवा गर्व से कहता है सम्पूर्ण भारत ही नही विश्व उसका परिवार है देश के किसी राज्य में या विश्व के किसी भी देश में कुछ दुर्घटना घटित होती है तो वह उससे प्रभावित होता है उसे उस देश की नागरिक की चिंता होती है। क्योंकि वह पूरे विश्व को परिवार मानता है यह उसने भाई जी से सीखा है।

उनके नेतृत्व में आयोजित युवा शिविरों में देश के कोने-कोने से युवा आते थे, जहाँ वे एक साथ रहते, सेवा करते, और एकता का संदेश फैलाते।

- युवाओं के लिए उनका संदेश

भाईजी हमेशा कहा करते थे — “युवा कोई समस्या नहीं, बल्कि हर समस्या का समाधान हैं।”

हमें हमारी तरूणाई को दिशा देना है यह सब कुछ कर सकते है।

वे युवाओं को यह सिखाते थे कि केवल करियर बनाना ही जीवन का उद्देश्य नहीं है, बल्कि अपने समाज और देश के लिए कुछ करना ही सच्ची सफलता है।

देश कभी जाति धर्म और भाषा के नाम से न टूटे। इसलिए उनके शिविरों में भाषण कक्षाएं, सर्वधर्म प्रार्थना, टेलेंट एक्चेंज जैसे प्रेरणादायक कार्य होते थे।

उनका मानना था कि यदि युवा अपना मन, शरीर और बुद्धि समाजसेवा में लगाएँ तो भारत पुनः विश्वगुरु बन सकता है।

- जीवन की सरलता और आध्यात्मिकता

डॉ. एस एन सुब्बाराव भाई जी के जीवन में विलासिता का कोई स्थान नहीं था। वे सादगी से रहते थे, साधारण वस्त्र पहनते थे और हर व्यक्ति से प्रेमपूर्ण व्यवहार करते थे।अपने शिविरों में एक आम शिविरार्थी की भांति गतिविधियों में सहभागिता करते थे।उनकी सहजता और सरलता उन्हें सबसे अलग करती है।

उनके जीवन से यह संदेश मिलता है कि “महानता    साधारणता में ही छिपी है।”

- आज के युवाओं के लिए सीख

डॉ एस एन सुब्बाराव जी भाई ने ने अपना सम्पूर्ण जीवन युवाओं को समर्पित कर दिया। स्वामी विवेकानंद जी की भांति उनकी सारी अपेक्षाएं युवाओं से ही थी।उनके शिविरों से सेंकड़ों युवा निकले जो आज समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रहे है और वो गर्व से कहते है उनकी प्रेरणा भाई जी से ली।

आज जब समाज में भौतिकता, प्रतियोगिता और तनाव बढ़ रहा है, ऐसे समय में डॉ. सुब्बाराव राव जी के विचार युवाओं को एक नई दिशा देते हैं।

- उनके जीवन से हम यह सीख सकते हैं —

1. सेवा ही सच्चा सुख है।

2. प्रेम और अहिंसा से बड़ी कोई ताकत नहीं।

3. देश और समाज के लिए कुछ करना ही सच्चा जीवन है।

4. एकता और सहयोग ही राष्ट्र की शक्ति है।

5. एक घण्टा देह को और एक घंटा देश को देना चाहिए।

- डॉ. एस. एन. सुब्बाराव राव जी का जीवन एक संदेश है —

"एक घण्टा देह को एक घण्टा देश को।” वो हमेशा युवाओं से आह्वान करते थे कि हमेशा एक घंटा स्वयं के लिए निकाले जिसमें अपना शारीरिक (व्यायाम) और मानसिक (स्वध्याय)बल बढ़ाये और सप्ताह में एक दिन और कुछ घंटे समाज के निर्माण में अपना योगदान दे।

उनका कार्य, उनका प्रेम और उनका समर्पण हमेशा युवाओं के मार्गदर्शन के रूप में जीवित रहेगा।

- भाईजी ने यह सिद्ध कर दिखाया कि एक व्यक्ति भी अगर सच्चे मन से सेवा का संकल्प ले तो पूरी पीढ़ी को बदल सकता है।

आओ हम सब मिलकर भाई जी के सपनों के युवा और भारत तैयार करे।

(जितेन्द्र ब्रह्मभट्ट पिछले 12 वर्षों से डाॅ एस एन सुब्बाराव भाई जी के विचारों को लेकर काम कर रहे है साथ ही एक गांव को गोद लेकर बड़े बदलाव और आदर्श गांव बनाने के क्षेत्र में अपनी टीम के साथ काम कर रहे है।)

🙏 जितेन्द्र ब्रह्मभट्ट यूथ मोटिवेटर एवं लाइफ कोच 🙏

            समन्वयक 

राष्ट्रीय युवा योजना इकाई गुना म प्र एवं गांधी ग्लोबल फैमिली शाखा गुना (म.प्र.)

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