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मातृभाषा को प्रथम वरीयता दिलाने शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर

स्थाई शिक्षक भर्ती में

मातृभाषा को प्रथम वरीयता दिलाने शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रदर्शन !

हिंदी,विज्ञान,सामाजिक विज्ञान, उर्दू एवं कृषि विषय सहित अन्य विषयों के रिक्त पदों में वृद्धि की मांग



भोपाल- 14 सितंबर राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने  लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय के सामने सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन करते हुए शिक्षक भर्ती के द्वितीय चरण में हिंदी भाषा को प्रथम वरीयता दिलाने एवं अन्य उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में वृद्धि की मांग की  l

पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण संघ से रंजीत गौर एवं अन्य अभ्यार्थियों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चल रही माध्यमिक स्थाई शिक्षक-भर्ती में आरटीई के नियमानुसार पदों की संरचना में हिंदी बिषय को छठवें स्थान पर रखकर मातृभाषा हिंदी की उपेक्षा की जा रही है ! 

जबकि हिंदी हमारी मातृभाषा,राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा है हिंदी प्रदेश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को हिंदी भाषा का ज्ञान होना जरूरी है,जिसके लिए प्रत्येक स्कूल में हिंदी भाषा का शिक्षक अनिवार्य रूप से होना चाहिए l 

इसी प्रकार से कृषि विषय के अभ्यर्थियों ने भी कहा कि मध्य प्रदेश हिंदी प्रदेश के साथ-साथ कृषि प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है शिक्षक भर्ती में कृषि   विषय के भी बहुत कम मात्रा में पद  दर्शाए गए हैं ! अतः हम शासन से मांग करते हैं कि हिंदी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, उर्दू  के साथ साथ कृषि विषय सहित अन्य उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में भी वृद्धि की जाए

ज्ञात हो कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है जिनकी पूर्ति के लिए उच्च एवं माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पिछले 4 वर्षों से बड़े ही धीमी गति से चल रही है ,परंतु यह बड़े दुख का विषय है कि हिंदी प्रदेश में हिंदी को ही अपना गौरव एवं स्थान प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है l 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी मातृभाषा को प्राथमिकता दिलाने को महत्व देती है उसके बावजूद भी शिक्षक भर्ती में प्रदेश की मातृभाषा हिंदी के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है !

10 वर्ष बाद हो रही 

 शिक्षक भर्ती में मातृभाषा हिंदी के मात्र 100 पद रिक्त दर्शाए गए हैं जबकि अंग्रेजी भाषा की 3,358 पदों पर भर्ती की जा रही है इसी प्रकार से विज्ञान के 50, सामाजिक विज्ञान के 60, उर्दू के 18, संस्कृत के 772 एवं गणित के 1,312 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है जबकि प्रत्येक विषय के हजारों पद रिक्त हैं जिन पर वर्तमान समय में अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं! इस प्रकार से शिक्षक भर्ती में कई विसंगतियां देखने को मिल रही हैं जिनमें सुधार कराने के लिए पात्र अभ्यर्थियों द्वारा पूर्व में भी कई बार शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री एवं संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन पत्र सौंपे जा चुके हैं !

उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में भी हिंदी,उर्दू,कृषि,समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान,इतिहास, संस्कृत एवं अर्थशास्त्र आदि विषयों के रिक्त पद कम दर्शाने से पात्र अभ्यर्थियों में आक्रोश दिखाई दे रहा है !

अभ्यर्थी - रंजीत गौर,अनिल झारिया,आभा गुमास्ता,गोविंद राठौर,चंद्रभान सिंह, नरेंद्र सिहं,रचना व्यास,प्रदीप श्रीवास्तव आदि ने ज्ञापन सौंपने के बाद कहा है कि अगर समय पर मांगें पूर्ण नहीं होती हैं तब 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन राजधानी भोपाल में प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।

नगर संवाददाता: अभिनय मोरे 

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