भू माफियाओं के आगे नतमस्तक हुआ छतरपुर जिले का राजस्व प्रशासनिक तंत्र
भू माफियाओं के आगे नतमस्तक हुआ छतरपुर जिले का राजस्व प्रशासनिक तंत्र
तत्कालीन छतरपुर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह के जाते ही ठंडे बस्ते में चली गई जांचे
क्या वर्तमान कलेक्टर उठा पाएंगे कोई ठोस कदम
मंदिर की जमीन पर तन गया करोड़ों का अवैध मार्केट
रसूख के सामने शासन प्रशासन लाचार नहीं करा पा रहे अपने ही आदेशों का पालन
छतरपुर-मामला राजनगर तहसील अंतर्गत- ग्राम राजनगर में स्थित हनुमान मंदिर जिसके प्रबंधक कलेक्टर है जिसके खसरा नंबर 577 पर जोकि रामबाग चौराहे की मेन फ्रंट पर अनाधिकृत रूप से 12 दुकाने एवं एक भवन निर्मित है जिसका सीमांकन कई बार किया जा चुका है जिसे गिराए जाने का आदेश पूर्व में तहसीलदार राजनगर द्वारा किया जा चुका है किंतु आज दिनांक तक उक्त अवैध मार्केट को गिराए जाने में शासन पूरी तरह नाकाम रहा है जिसकी कीमत 4 करोड़ से भी अधिक है ।
उक्त मंदिर में जमीनी घोटाला- तत्कालीन छतरपुर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह के द्वारा उक्त मामले में रुचि लेकर जांच कराई गई थी जिसमें जांच दल प्रभारी सामंत सिंह के द्वारा जांच उपरांत अपने प्रतिवेदन में स्पष्ट लेख किया गया कि उक्त मंदिर के नाम बंदोबस्त रिकॉर्ड सन 1938- 39 के हस्तलिखित खसरा मैं मंदिर के नाम खसरा नंबर 574 575 576 577 578 दर्ज रहे हैं जिसमे से संवत 2009 में फर्जी तरीके से बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के खसरा नंबर 574 575 एवं 578 तत्कालीन पटवारी गणेश खरे द्वारा अपने बेटे लक्ष्मी पिता गणेश खरे के नाम दर्ज कर दिए गए हैं इतना ही नहीं कुछ समय पश्चात तत्कालीन पटवारी द्वारा गैर हकदार कॉलम मैं ओवर राइटिंग कर सीधा भूमि स्वामी ले कर दिया गया और इसके बाद भी भ्रष्टाचार की गाड़ी रुकी नहीं तथा फर्जी तरीके से सन 1976-77 मैं यही भूमि विमला पत्नी सुमन कुमार मिश्रा भार्गव के नाम दर्ज की गई
इस प्राचीन हनुमान मंदिर की भूमि पर लगातार भ्रष्टाचार के प्रहार होते रहे हैं और जो भूमि वर्तमान में बची है जिसकी प्रबंधक कलेक्टर है उस पर पूर्णता अवैध रूप से मार्केट तन चुका है पर तत्कालीन कलेक्टर शैलेंद्र सिंह के जाते ही समस्त जांचें ठंडे बस्ते में जा गिरी और इस जांच दल के प्रभारी सावंत सिंह का ट्रांसफर करा दिया गया सही मायने मैं देखा जाए तो छतरपुर राजस्व प्रशासन के लिए चुल्लू भर पानी मैं डूब मरने की बात चरितार्थ हो गई है ।
जांच दल प्रभारी सामंत सिंह से चर्चा- इस मामले मैं रहे जांच दल प्रभारी आर आई सावंत सिंह से चर्चा की गई जिसमें सावंत सिंह द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा अवैध मार्केट की अतिक्रमण रिपोर्ट/ प्रतिवेदन रिकॉर्ड दुरुस्त प्रतिवेदन एवं अतिरिक्त रखवा के नवीन वटांक के प्रतिवेदन तहसीलदार महोदय राजनगर के कार्यालय में जमा कर दिए गए थे तथा उनके जावक रजिस्टर मैं भी प्रतिवेदन दर्ज पाये गये व तहसीलदार के रीडर के हस्ताक्षर भी पाए गए।
नगर संवाददाता: अभिनय मोरे




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