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राम नवमीं से शुरू हुआ नि:शुल्क गीता प्रचार

राम नवमीं से शुरू हुआ नि:शुल्क गीता प्रचार अभियान का 31 वां


गुना। अंतर्राष्ट्रीय नि:शुल्क गीता प्रचार मिशन के तहत देश के 13 प्रांतों में नि:शुल्क गीता वितरण का 31 वां दौर राम नवमीं से शुभारंभ  हुआ। मप्र, पश्चिम बंगाल, उप्र, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली, गुजरात सहित अनेकों प्रांतों में अब तक गीता की हजारों प्रतियां नि:शुल्क बांटी जा चुकी है। मीडिया प्रभारी रश्मि पांडे ने बताया कि लखनऊ उप्र में नागेश्वर मंदिर केशवगंज  में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सेदारी की। कार्यक्रम प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया गुना अंचल में अब तक 30 हजार से अधिक प्रतियां नि:शुल्क वितरण की जा चुकी है।

12 करोड़ ओम नमो भगवते वासुदेवाय महामंत्र का जाप जारी
इधर विराट हिन्दू उत्सव समिति, नारी शक्ति, चिंतन मंच, अंतर्राष्ट्रीय गीता प्रचार मिशन के तहत 12 करोड़ ओम नमो भगवते वासुदेवाय महामंत्र का जाप जारी है। कार्यक्रम के संयोजक कैलाश मंथन के मुताबिक अब तक चौथे दौर में नाम जाप यह महाभियान पूरे भारत में चलाया जा रहा है। नाम जाप अभियान में बड़ी संख्या में भक्तगण हिस्सेदारी कर रहे हैं।


16 को शक्तिपर्व के रूप में मनाई जाएगी श्री हनुमान जयंती
इधर अंचल में 16 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के दिन श्री हनुमान जयंती शक्तिपर्व के रूप में मनाई जाएगी। विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि पिछले एक दशक से श्री हनुमान जयंती को शक्तिपर्व क रूप में मनाया जा रहा है। हिउस प्रमुख ने सभी धर्मावलंबियो ंसे निकट के धार्मिक केंद्रों में पहुंचकर सामाजिक एवं धार्मिक एकता प्रदर्शित करने का आव्हान किया।

अंतसमय में राम नाम स्मरण से ही प्राप्त होती है मुक्ति - कैलाश मंथन
राम नवमीं के मौके पर विराट हिन्दू उत्सव समिति के संस्थापक कैलाश मंथन ने भगवान राम भारत के प्राण हैं, राम का चरित्र भारतीय संस्कृति की आत्मा है। बिना राम के चरित्र के भारत निष्प्राण है। भारतीय जनमानस के रोम-रोम में राम बसे हुए हैं। संसार सागर से पार उतरने का प्रमुख साधन राम नाम ही है। इस दौरान भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर विराट हिन्दू उत्सव समिति, अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद के तहत अंचल में भव्य कार्यक्रम संपन्न हुए। प्रमुख राम मंदिरों, धार्मिक केंद्रों सत्संग मंडलों में रामनवमीं पर दोपहर 12 बजे महाआरती, संकीर्तन एवं बौद्धिक कार्यक्रम संपन्न हुए। इस मौके पर सदर बाजार स्थित चिंतन हाउस में विशेष मनोरथ हुए। समिति के संयोजक कैलाश मंथन ने इस अवसर पर कन्या भोज भी कराया। रामचरित मानस एवं गीताजी की नि:शुल्क प्रतियां वितरण की गई।
बौद्धिक सत्संग सभा में विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में अंतसमय राम नाम स्मरण से मुक्ति की प्राप्ति होती है। हिउस संस्थापक कैलाश मंथन ने कहा कि भारतीय संस्कृति का इतिहास गवाह है जिसने भी राम का सतत स्मरण किया उसी की पूजा हुई। बजरंगवली ने राम नाम के बल पर परम पद पाया। वर्तमान में महात्मा गांधी ने भी अंत में राम के उच्चारण से ही राष्ट्रपिता का परम पद प्राप्त किया। सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन में भी परम रामभक्त महात्मा गांधी के चित्र के ही दर्शन होते हैं। हिउस प्रमुख ने शहर में निकलते वाली शोभायात्राओं का स्वागत किया। रविवार का सारा दिन राममय रहा। 



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