डेयरी व्यवसाय से अच्छा लाभ प्राप्त कर रही हैं श्रीमति ओमवती बैरागी
कहानी सच्ची है
डेयरी व्यवसाय से अच्छा लाभ प्राप्त कर रही हैं श्रीमति ओमवती बैरागी
गुना -विकासखण्ड चांचौडा के बीवाखेड़ी गांव में रहने वाली श्रीमति ओमवती बैरागी अपने परिवार का भरण पोषण मुश्किल से कर पाती थीं। उनका आजीविका चलाना बड़ा कठिन था। इनकी 5 बीघा खेती थी लेकिन बड़ा परिवार होने से खेती की आमदनी से घर का गुजारा मुश्किल से हो पाता था। आजीविका मिशन से वर्ष 2017 में राधाकृष्ण स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद मानो उन्नति का रास्ता खुल गया हो। आजीविका मिशन में श्रीमति ओमवती ने कृषिसखी एवं पशु सखी प्रशिक्षण लिया और प्रशिक्षण के बाद डेयरी फार्मिंग के लिये लोन लिया। उन्हें डेयरी से प्रतिमाह 12 से 15 हजार रूपये की आमदनी होने लगी। डेयरी फार्मिंग के साथ-साथ खेती का तरीका भी बदल लिया। पहले यह बाकी महिला किसानों की तरह गेंहू, सोयाबीन उगाती थीं, लेकिन अब वह मक्का, प्याज उगाती हैं। फसलों में वह यूरिया डीएपी की जगह जैविक खाद का प्रयोग कर रही है। जिससे 10 से 12 हजार रूपये कृषि लागत में कमी आई है। मक्का का उपयोग पशु आहार के रूप में करती है। श्रीमति ओमवती को मनरेगा में मेट का काम कर हर साल 50 से 60 हजार रूपये अतिरिक्त आय होने लगी है। अब श्रीमति ओमवती के परिवार की आय 2 लाख 60 हजार रूपये सालाना होने लगी है। जिसके परिणाम स्वरूप ओमवती अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने लगी है। श्रीमति ओमवती बैरागी की प्याज की खेती देख समूह की दूसरी दीदीयां भी प्याज की खेती करने लगी। आज गांव में इनकी पहचान मेहनती, समझदार एवं स्मार्ट पशु सखी के रूप में होने लगी है। अब तो गांव के दूसरे समूह सदस्य भी इनसे प्रेरणा लेकर डेयरी फार्मिंग और प्याज की खेती करने लगे है। आज श्रीमति ओमवती की मेहनत का नतीजा ही है कि गांव इनके रास्तों पर चल रहा है। वह गांव के लिए प्रेरणा बन चुकी है।



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