घर वाले लड़की को ढूंढते रहे, पुलिस की मिन्नतें करते रहे
प्रेम प्रसंग में हुई हत्या-
घर वाले लड़की को ढूंढते रहे, पुलिस की मिन्नतें करते रहे
उन्नाव-यूपी के उन्नाव में एक पूर्व मंत्री के बेटे की एक लड़की से प्रेम कहानी और कत्ल का बेहद खतरनाक सच. दरअसल 8 दिसंबर को काशीराम कॉलोनी की रहने वाली लड़की अचानक गायब हो गई. घर वाले लड़की को ढूंढते रहे, पुलिस की मिन्नतें करते रहे लेकिन पुलिस कान में रुई डाले बैठी रही. 24 दिसंबर को जब लड़की की मां अखिलेश यादव के काफिले के सामने विरोध प्रदर्शन करने लगी तब इस मामले ने तूल पकड़ लिया और आनन-फानन में पुलिस ने पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल, राजुल सिंह से मृतका के रिश्ते थे और राजू सिंह को शक था कि लड़की के कई और लोगों से भी संबंध हैं, लिहाजा उसने आश्रम के बाहर के कमरे में लड़की का अपने साथी सूरज के साथ मिलकर कत्ल कर दिया. लाश को सेप्टिक टैंक के लिए खोदे गए गड्ढे में दफना दिया.
8 दिसंबर- युवती लापता हुई
10 दिसंबर- सदर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज हुई
13 दिसंबर- युवती की मां ने एसपी से शिकायत की
10 जनवरी- कोतवाली पुलिस ने पूर्व मंत्री के बेटे के विरुद्ध एससीएसटी व अपहरण मैं रिपोर्ट दर्ज की
24 जनवरी- युवती की मां ने लखनऊ में पूर्व सीएम के सामने आत्मदाह का प्रयास किया
25 जनवरी- पूर्व मंत्री के बेटे आरोपी राजुल सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा
4 फरवरी- पुलिस ने कोर्ट से मिली रिमांड के बाद 8 घंटे तक आरोपी को जेल से लाकर पूछताछ की
10 फरवरी- पुलिस ने पूर्व मंत्री के आश्रम के बगल से युवती का शव बरामद किया
अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. सवाल ये भी है कि दो महीने तक उन्नाव पुलिस क्या करती रही, जबकि युवती के परिवार के लोग भी शक जता रहे थे. युवती के परिवार ने शक जाहिर किया था कि सूरज और राजुल सिंह ने लड़की को अगवा कर उसका कत्ल कर दिया है. आपको बताते हैं कि दरअसल पुलिस इस पूरी जांच में खुद ही भटक चुकी थी.
सूत्रों की माने तो पुलिस अफसरों को इस बात का पुख्ता शक था कि कुछ हो न हो लड़की अपने आप कहीं पर भाग कर चली गई है. लिहाजा पुलिस गुमशुदा को तलाश करने के चक्कर में पड़ी हुई थी ना कि आरोपी को गिरफ्तार कर उससे सख्ती से पूछताछ कर राज जानने की कोशिश की जाती. पुलिस ने अपनी टीमें आगरा, नोएडा सहित कई अलग-अलग जिलों में भेजें लेकिन पुलिस ने आश्रम और आश्रम के आसपास ठीक से तलाशी तक नहीं ली.
पुलिस ने तलाशी का काम तब शुरू किया जब आरोपी ने खुद खुलासा कर दिया कि उसने और राजुल सिंह ने मिलकर लड़की का कत्ल किया है और लाश को प्लॉट के बगल में मौजूद गड्ढे में दबा दिया है. जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने लड़की को 8 दिसंबर की सुबह 10 से 10.30 के बीच में बुलाया था. आधे घंटे के अंदर कत्ल की वारदात को अंजाम देकर उसे गड्ढे में दबा दिया था.
पुलिस ने आरोपी राजुल सिंह की हिस्ट्रीशीट खोल दी है. राजुल के खिलाफ जनवरी 2009 में गाली-गलौज मारपीट और जान से मारने की धमकी देने, अक्टूबर 2012 में हत्या, 2018 में मारपीट और जान की धमकी देने और इस मामले में अपहरण एससीएसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई थी. 2012 और 2018 के मामलों में वो दोषमुक्त हुआ है.
इस वारदात को लेकर आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. बीजेपी ने जहां सपा पर आरोप लगाया है, वहीं अखिलेश यादव ने साफ कहा है कि आरोपी का समाजवादी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. इसके साथ ही कांग्रेस के पीएल पुनिया पीड़ित के परिवार से मिलने पहुंचे और उन्होंने प्रियंका गांधी से पीड़ित की मां की बात करवाई. पीड़ित परिवार की मांग है कि उनके परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए. परिवार का कहना है कि इस केस में और भी आरोपी हैं जिन्होंने मुख्य आरोपी को शरण दी उसकी भी गिरफ्तारी की जाए. परिवार ने आरोपी राजुल सिंह से के लिए फांसी की मांग की है.



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