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किसान की बेटी मोनिका धाकड़ ने रचा इतिहास — पहले प्रयास में बनीं DSP, डॉक्टर बनने का था सपना

किसान की बेटी मोनिका धाकड़ ने रचा इतिहास — पहले प्रयास में बनीं DSP, डॉक्टर बनने का था सपना



गुना। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के साथ सपने साकार किए जा सकते हैं — इसका जीता-जागता उदाहरण बनी हैं गुना जिले की आरोन तहसील की मोनिका धाकड़, जिनका चयन मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) परीक्षा 2023 में डीएसपी (Deputy Superintendent of Police) पद पर हुआ है। मोनिका ने पहले ही प्रयास में यह उपलब्धि हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है।


डॉक्टर बनने का सपना, पर मिली यूनिफॉर्म की पहचान


मोनिका बताती हैं, “मेरा सपना डॉक्टर बनने का था। कोविड काल में इंदौर में पढ़ाई के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, तब समझ आया कि समाज की सेवा कई रूपों में की जा सकती है। इसलिए मैंने सिविल सेवा की राह चुनी और उसी दिशा में मेहनत की।”


शुरुआती शिक्षा और पारिवारिक सहयोग


मोनिका की प्रारंभिक शिक्षा राघौगढ़ के हिन्दुपथ स्कूल से हुई। यहीं से उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्कृष्ट अंकों से उत्तीर्ण की। उनके पिता शैतान सिंह धाकड़, जो स्वयं किसान और पहारुआ पंचायत के सरपंच हैं, ने हमेशा बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

मोनिका बताती हैं — “मेरी सफलता में मेरे माता-पिता का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने कभी मुझे सीमाओं में नहीं बांधा, बल्कि हमेशा प्रोत्साहित किया।”


बचपन से ही मेधावी


मोनिका बचपन से ही मेधावी छात्रा रही हैं।


5वीं कक्षा में नवोदय विद्यालय में चयन हुआ।


बीच में पटवारी परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में पास की।


UGC-NET परीक्षा में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की।


वर्ष 2024 में लेखा सेवा अधिकारी के रूप में भी चयन हुआ था।



माता-पिता और बहन का संदेश


मोनिका के पिता शैतान सिंह कहते हैं, “अगर माता-पिता अपने बच्चों पर भरोसा रखें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।”

मोनिका की छोटी बहन अनुराधा, जो 8वीं कक्षा में पढ़ती हैं, कहती हैं — “मैं भी दीदी की तरह DSP बनना चाहती हूं।”



मोनिका का संदेश युवाओं के लिए:


> “कभी हार मत मानिए। मेहनत और अनुशासन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। पहला प्रयास ही आखिरी हो सकता है, अगर मन से प्रयास किया जाए।”


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