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गुना जिले में हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता खतरे में

गुना जिले में हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता खतरे में



गुना जिला मुख्यालय के आसपास की पहाड़ियों—विशेषकर मुहालपुर, नठाई, मालपुर, बजरंगगढ़, केदारनाथ, गढ़ा घाटी आदि इलाकों में

10,000 वर्ष से भी अधिक प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं।


पुराविद व समाजसेवी कैलाश मंथन के अनुसार:


पहाड़ी चट्टानों को काटकर कमरोंनुमा संरचनाएं और गुफाओं की श्रृंखलाएं बनाई गई थीं।


कमरे आयताकार हैं, तीन फुट मोटी चट्टान काटकर बनाई दीवारें व तीन फुट चौड़ा प्रवेश-द्वार है।


यह सभ्यता मोहनजोदड़ो–हड़प्पा सभ्यता से भी अधिक प्राचीन हो सकती है।



प्रशासनिक लापरवाही से खतरा


पिछले तीन दशकों में खोजी गई 150 से अधिक गुफाएं अतिक्रमण, ढहने और उपेक्षा का शिकार हैं।


पुरातत्व विभाग एवं जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।


पुराने कलेक्टोरेट भवन को पुरातत्व संग्रहालय बनाने का वादा कभी पूरा नहीं हुआ।



कीमती पुरासंपदा चोरी


बजरंगगढ़ किले, सर्किट हाउस, तहसील परिसर से


अष्टधातु की आधा दर्जन तोपें


बेशकीमती बुद्ध एवं परमार कालीन मूर्तियां

रहस्यमयी तरीके से चोरी हो गईं।



कई वर्षों बाद भी इनका कोई सुराग नहीं मिला, पुलिस भी मौन रही।


स्थानीय दबंगों द्वारा पुरासंपदा गायब कराए जाने का आरोप।



मांगें


कैलाश मंथन ने मांग की है कि—


1. पुराने कलेक्टोरेट भवन में जिला पुरातत्व संग्रहालय (म्यूजियम) बनाया जाए।



2. मुहालपुर, बजरंगगढ़, केदारनाथ, गढ़ा क्षेत्र को


संरक्षित किया जाए


पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।

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