खाद वितरण व्यवस्था बदहाल: तपती धूप और उमस के बीच टोकन के लिए लंबी कतारें, किसानों को भारी परेशानी
खाद वितरण व्यवस्था बदहाल: तपती धूप और उमस के बीच टोकन के लिए लंबी कतारें, किसानों को भारी परेशानी
न छांव, न पानी—डीएपी खाद के लिए घंटों इंतजार; रात से डटे किसानों को भी नहीं मिला समय पर टोकन
गुना- खरीफ सीजन की तैयारी में जुटे जिलेभर के किसानों को खाद प्राप्त करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। डीएपी खाद को लेकर वितरण केंद्रों पर ऐसी अव्यवस्था देखने को मिल रही है, जिससे किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है। टोकन प्रणाली से लेकर कतारों की अव्यवस्था, पानी और छांव के इंतजाम की कमी—ये तमाम समस्याएं किसानों की परेशानी को और बढ़ा रही हैं। मंगलवार सुबह से जिले के कई खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। विशेषकर नानाखेड़ी डबल लॉक वितरण केंद्र पर हालात सबसे अधिक बिगड़े रहे। सुबह 5 बजे से ही किसान टोकन के लिए लाइन में खड़े रहे, लेकिन वितरण प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो सकी। किसानों को ना सिर्फ घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ा बल्कि अव्यवस्थित कतारों और टोकन न मिलने से वे काफी असंतुष्ट नजर आए।
कई किसान तो रविवार रात को ही वितरण केंद्रों पर पहुंच गए थे, ताकि सुबह जल्दी टोकन मिल सके, लेकिन अव्यवस्था ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया। भीषण गर्मी में छांव और पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं थी। कई केंद्रों पर तो पंखे तक नहीं थे, जिससे बुजुर्ग किसानों और महिलाओं को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, नानाखेड़ी मंडी में मंडी प्रबंधन द्वारा आरओ पानी की व्यवस्था जरूर की गई, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं थी। महिलाओं की भीड़ बढऩे पर उन्हें पुरुषों के साथ कतार में खड़ा कर दिया गया। फिर बीच में उन्हें हटाकर दो अलग-अलग कतारें बनाई गईं, जिससे असमंजस और अव्यवस्था और बढ़ गई। किसानों का कहना था कि अगर पहले से बैरीकेडिंग और लाइन व्यवस्था की जाती तो यह हालात न बनते। भीड़ को देखते हुए प्रशासन की टीम एसडीएम और तहसीलदार भी मौके पर पहुंची, मगर व्यवस्थाएं सुधारने में सफल नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि रविवार को जिले में 2,572 मीट्रिक टन डीएपी खाद का आगमन हुआ था, जिसे सोमवार को विभिन्न वितरण केंद्रों पर भेजा गया था। मंगलवार सुबह से खाद वितरण की योजना बनाई गई थी, लेकिन प्रबंधन की ढिलाई और अव्यवस्था ने इस प्रक्रिया को जटिल बना दिया। किसानों को टोकन लेने में ही घंटों लग गए, जिससे उनका कीमती समय भी बर्बाद हुआ। प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल केवल डीएपी खाद का वितरण किया जा रहा है। यूरिया और एनपी खाद फिलहाल उपलब्ध नहीं है, जिससे किसानों में असमंजस और बढ़ गया है। लगातार बढ़ती भीड़ और अव्यवस्थाओं को देखते हुए अब यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन समय रहते सख्त और सुव्यवस्थित व्यवस्था करे, ताकि किसानों को राहत मिल सके और वे अपनी फसल की तैयारी समय पर कर सकें।
कोई टिप्पणी नहीं