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कलेक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन पर प्रतिबंध

खुले व असुरक्षित बोरवेल को लेकर कलेक्टर सख्त, कलेक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध


गुना -  जिले में जनसुरक्षा और शांति व्यवस्था को लेकर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट किशोर कुमार कन्याल द्वारा दो महत्वपूर्ण प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। एक आदेश जिलेभर में असफल या अधूरे नलकूपों, बोरवेल की स्थिति को लेकर है, तो दूसरा आदेश कलेक्टर कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध से संबंधित है। दोनों आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी किए गए हैं और 26 मई से प्रभावशील होकर 25 जुलाई 25 तक लागू रहेंगे।

पहले आदेश में कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि किसी भी असफल या अपूर्ण नलकूप/बोरवेल को खुला छोडऩा प्रतिबंधित रहेगा। ड्रिलिंग के दौरान सुरक्षा उपाय अपनाना, मुंह ढकना और फेंसिंग करना अनिवार्य होगा। यदि बोरवेल उपयोगी नहीं है, तो उसे नियमानुसार मिट्टी, मुरम आदि से भरकर बंद किया जाएगा। केसिंग डाले जाने की स्थिति में स्टील प्लेट से कवर कर सीमेंट-कंक्रीट का ब्लॉक बनाया जाएगा। निष्क्रिय बोरवेलों को आदेश जारी होने के 7 दिन के भीतर बंद करना होगा। उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। दूसरे आदेश में कलेक्टर कार्यालय परिसर में किसी भी प्रकार के धरना, रैली, जुलूस, प्रदर्शन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यदि किसी संगठन या व्यक्ति को ज्ञापन देना है, तो उन्हें 48 घंटे पूर्व लिखित सूचना कलेक्टर या अपर कलेक्टर को देनी होगी। ज्ञापन केवल पोर्च पर ही दिया जा सकेगा, नारेबाजी, ध्वनि विस्तारक यंत्र और मुख्य भवन के भीतर ज्ञापन देना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। अधिकतम चार लोगों को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। दोनों आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय जनसुरक्षा, लोक व्यवस्था और नागरिकों की भलाई के मद्देनजऱ लिया गया है।

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