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दशलक्षण महापर्व में श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन

 दशलक्षण महापर्व में श्रावक  संस्कार शिविर का आयोजन


   

आरोन-(रुस्तम खान की रिपोर्ट). जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व पर्वाधिराज   महापर्व दशलक्षण महापर्व पर नगर मे चातुर्मास कर रहे परम पूज्य आचार्य भगवान 108 श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज  के परम प्रवाहक शिष्य 108 श्री दुर्लभ सागर जी महामुनि राज के मंगल सान्निध्य मे श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है बर्ष में दो बार मनाने जाने वाले पर्यूषण पर्व का जैन धर्म मे विशेष महत्व है लेकिन भाद्रपद मास मैं आने वाले पर्यषण पर्व का विशेष महत्व बताया गया है दशलक्षण धर्म दस दिवस के दिनों में जैन धर्म के श्रावक उत्कृष्ट साधना कर दसलक्षण धर्म का पालन करते हैं उत्तम क्षमा धर्म से प्रारंभ होकर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पर दशलक्षण पर्व का समापन होता है अतः चातुर्मास मे मुनि श्री दुर्लभ सागर जी महाराज के विशेष सान्निध्ध में प्रतिवर्ष   श्रावक संस्कार शिविर लगाया जाता है इस वर्ष आरोन जैन समाज के परम सौभाग्य से यह आरोन नगर के श्रावकों धर्मलाभ प्राप्त हो रहा है जिसमें वह परम पूज्य मुनि श्री सान्निध्ध मे उत्कुष्ट साधना करेंग मुनि श्री के चातुर्मास अंतर्गत क्रोध विषय पर दुर्लभ वाणी प्रवचन माला में प्रतिदिन क्रोध के विषय में समझाया जा रहा है धर्म सभा में क्रोध विषय पर विशेष प्रवचन देते हुए कहा क्रोध को छोड़े बिना आप अपने व्यक्तित्व का विकास नहीं कर सकते अतः आपको अपनी मनोवृत्ति को बदलना पड़ेगा  आज की शांतिधारा के पुर्ण्याजक श्रीमती वंदना जी सममित महाजन नासिक परिवार एवं प्रमोद कुमार राजेश कुमार गौरव भुमरिया परिवार विद्या गुरु उपासक परिवार विजय कुमार सुनील कुमार अखिलेश डोडिया परिवार को मिला समस्त कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज के साथ अध्यक्ष विजय कुमार डोडिया चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष मिंटू लाल जैन बाखर नरेश चंद उपस्थित रहे समस्त जानकारी के के सरकार द्वारा दी गयी.

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