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प्राचीन अवशेष, सैकड़ों गुफाएं, शैल मूर्तियां दफन है गुना की पहाडिय़ों पर- कैलाश मंथन

जिला मुख्यालय पर संग्रहालय बनाने की मांग

प्राचीन अवशेष, सैकड़ों गुफाएं, शैल मूर्तियां दफन है गुना की पहाडिय़ों पर- कैलाश मंथन


गुफाओं एवं दानवाकार मूर्तियों में दफन है गुना का इतिहास- कैलाश मंथन



गुना। जिले की प्राचीन धरोहर सरकारी संरक्षण न होने से विलुप्त होने के कगार पर है। पुराविद एवं समाजसेवी कैलाश मंथन ने केंद्रीय एवं प्रादेशिक पुरातत्व महकमे, मप्र सरकार एवं जिला प्रशासन से पुरासंपदा की धरोहर के लिए जिला मुख्यालय पर संग्रहालय निर्माण करने की मांग की है। जिला पुरातत्व संघ के प्रमुख सदस्य रहे समाजसेवी कैलाश मंथन ने बताया कि गुना अंचल की पहाडिय़ों एवं जंगलों में सैकड़ों प्राचीन अवशेष बिखरे पड़े हैं। इसमें प्राचीन गुफाएं, पहाडिय़ों पर उत्कीर्ण विशाल शैल मूर्तियां, भित्ति चित्र सहित काल के प्रभाव से नष्ट हुई भूमि में दफन प्राचीन बस्तियों के अवशेष बड़ी मात्रा में मौजूद हैं। पुराविद कैलाश मंथन के मुताबिक उन्होंने करीब 150 से अधिक कमरेनुमा गुफाओं, प्राचीन ध्यान स्थलों की खोज की, हाल ही जंगली पहाडिय़ों पर मिली करीब ई.पू. 2500 साल पुरानी पहाडिय़ों पर उत्कीर्ण दानवाकार मूर्तियां प्रमुख हैं, जो जैन संस्कृति एवं बौद्धकालीन समय को जाहिर करती हैं। क्षेत्र में बड़ी संख्या में सीढ़ीदार विशाल बावडिय़ां भी मिली हैं जो अतिक्रमण की चपेट में है। इस बारे में समय-समय पर पुरातत्व संघ की बैठकों में विवरण कैलाश मंथन ने मय सबूतों के जिलाधिकारियों पुरातत्व संघ को उपलब्ध कराया, लेकिन सरकारी पहल न होने से अधिकांश पुरासंपदा नष्ट होने के कगार पर है या चोरी चली गई है। सरकारी लापरवाही के चलते स्थानीय सर्किट हाउस से भगवान विष्णु एवं भगवान बुद्ध की अतिप्राचीन मूर्तियां, सांदौलगढ़, चतराई की पहाडिय़ों से सैकड़ों मूर्तियां, भदौरा किले से प्राचीन मूर्तियां, बजरंगगढ़ किले से मूर्तियां एवं अनेकों तोपे चोरी जा चुकी हैं।*जिला एवं पुलिस प्रशासन ने भी पुरा संपदा की चोरी जाने की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया। समय-समय पर पुरासंपदा संरक्षण के लिए जिला मुख्यालय पर पुरा संग्रहालय की मांग भी ठंडे बस्ते में पड़ी रही है। पिछले कलेक्टर ने पुराने कलेक्टोरेट ऑफिस को जिला पुरातत्व संग्रहालय  के लिए व्यवस्था करने में रुचि दिखाई थी।

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