जिला जेल गुना में हुआ राष्ट्रभक्ति सत्संग से ओतप्रोत बंदी सुधार कार्यक्रम
जिला जेल गुना में हुआ राष्ट्रभक्ति सत्संग से ओतप्रोत बंदी सुधार कार्यक्रम
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं नारी शक्ति चिंतन मंच ग्रुप द्वारा सहज राज योग एवं ज्ञान योग पर हुआ सत्संग
सत्संग एवं स्वाध्याय से मिलती है मन को शांति -कैलाश मंथन
मन की शांति के लिए सहज उपाय है नाम संकीर्तन: कैलाश मंथन
गुना। जिला जेल गुना में जेल अधीक्षक श्री अतुलसिंहा एवं जेलर श्री जसवंत सिंह बाथम के निर्देशन में शनिवार को ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं नारी शक्ति चिंतन मंच का सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया।इस अवसर पर मुख्य वक्ता राज योगिनी ब्रह्माकुमारी रेशम बहन एवं मुख्य अतिथि समाजसेवी कैलाश मंथन ने बंदियों के सामने सार गर्भित विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने सहज ज्ञान एवं राजयोग के तहत सच्ची मन की शांति, एकाग्रता, स्मरण शक्ति ,मनोबल,कार्य कुशलता, निर्णय शक्ति एवं दिव्य गुणों में वृद्धि ,संबंधों में मधुरता, आनंद की प्राप्ति, विकर्मों से मुक्ति, स्वाध्याय, सत्संग आदि विषयों पर व्याख्यान दिए। ब्रह्माकुमारी रेशम बहन ने जीवन में मन की शांति को सर्वोपरि बताया। नारी शक्ति चिंतन मंच के संयोजक समाजसेवी कैलाश मंथन ने कहा मानवीय भूलों पर पश्चाताप करके जीवन को अपराध रहित बनाना ही प्रत्येक मानव का कर्तव्य है। जीवन में स्वाध्याय एवं सत्संग के द्वारा जीवन के महान लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है।श्रीमद् भागवत- गीता आदि महान ग्रंथ हमें उन्नति के मार्ग पर ले जाते हैं,एवं जीवन का उद्देश्य प्राप्त कराते हैं दुखों से छूटकर मुक्ति की ओर बढ़ना ही जीवन का उद्देश्य है। सतत नाम जप एवं देश धर्म की सेवा करना ही सबका कर्तव्य है। जिन लोगों ने इस मार्ग को अपनाया वही महान बना है। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी राजकुमारी ,भाग्यशाली अग्रवाल, विवेक किशोर गर्ग, किरण भाई विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जेल शिक्षक श्री मुकेश रावत ने किया। सभी बंदियों को प्रसादी वितरण की गई।इस अवसर पर विराट हिंदु उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन
ने राम नाम जप लेखन पुस्तिकायें, सुंदरकांड ,हनुमान चालीसा एवं श्रीमद्भगवत गीता का निशुल्क वितरण किया। ध्यान रहे पिछले दिनों से जिला जेल में बंदी सुधार कार्यक्रम के तहत 11 बैरकों में चिंतन मंच के प्रमुख कैलाश मंथन ने गीता रामायण आदि श्रेष्ठ साहित्य एवं नाम जप लेखन की पुस्तिकायें उपलब्ध कराके बंदियों के जीवन में सुधार करने का प्रयास किया है। श्री मंथन के मुताबिक इन ग्रंथो के पढ़ने से आत्म बल की प्राप्ति होती है।
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