Breaking News

स्वस्थ पर्यावरण व जीवन के लिऐ हर पहलू पर पर्यावरण संरक्षण जरुरी

स्वस्थ पर्यावरण व जीवन के लिऐ हर पहलू पर पर्यावरण संरक्षण जरुरी


गुना -कुलदीपिका सिंह मैमोरियल पर्यावरण जागरुकता अभियान के तहत स्वाधीन पर्यावरण कार्यकर्ता सुचेताहम्बीर सिंह द्वारा षासकीय हाईस्कूल विजयपुर राधौगढ के छात्रों व गांव विजयपुर के ग्रामींणजनों से 2 दिसम्बर भोपाल गैस त्रासदी की घटना को याद करते हुए और 2 दिसम्बर को राश्ट्रीय प्रदूशण नियंत्रण दिवस के रुप में मनाने को लेकर अपील की कि हर व्यक्ति को पर्यावरण के संतुलन पर ध्यान रखना आवष्यक है। वर्तमान में वायु प्रदूशण, पॉलिथिन प्रदूशण, रसायनों, रसायनिक कीटनाषकों, जगह जगह जलते कचडे के ढेरों, जंगल के विनाष, जीवाश्म ईधन की बढती खपत आदि के कारण असंतुलित होते पर्यावरण के दुःपरिणामों (बाढ, तूफान, सूखा, बीमारी आदि) से मनुश्य व पूरा पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है। भविश्य में वायु प्रदूशण व ग्लोबल वार्मिंग की भीशण त्रासदी को रोकने के लिए पृथ्वी के आवमंडल और इसके पारिस्थितिकी तंत्र पेड पौधे, नदी तालाब आदि को बचाना बहुत जरुरी है। एक जिंदगी एक पेड लगाने का लक्ष्य तय किऐ बिना इसका हल संभव नहीं हो सकेगा। छात्रों को जानकारी दी कि षून्य कार्बन उत्सर्जन के लिऐ औसतन प्रति व्यक्ति को प्रति बर्श करीब 6 पेड लगाने की जरुरत है एक पेड औसतन करीब 18 किलोग्राम गी्रनहाउस गैस (कार्बन डाईऔक्साइड) के उत्सर्जन को सोखने का कार्य करता है तथा प्रत्येक व्यक्ति द्वारा एक यूनिट बिजली की बचत से करीब 600 ग्राम कार्बन डाईऔक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकता है। जो ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से बढता वैष्विक तापमान और मौसम चक्र में अस्थिरता, पानी की कमी आदि जैसी कई आपदाओं को रोकने में मददगार सावित होगा। यदि आमजन द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रयास नही किऐ गए तो बढती ग्लोबल वार्मिंग, पॉलिथिन प्रदूशण और रसायनिक कीटनाषकों आदि के दुश्परिणामों को एक निष्चित समय के बाद रोका नही जा सकेगा। छात्र व छात्राओं इस बारे में भी जागरुक किया कि सर्दी के मौसम में पॉलिथिन-प्लास्टिक का अलाव न लगाने और खाना बनाने के लिए चूल्हे में भी उपयोग न करने को कहा। स्वच्छ पर्यावरण व स्वस्थ जीवन के लिऐ अक्षय ऊर्जा (सौर व पवन ऊर्जा आदि), स्वच्छ भारत अभियान, प्राकृतिक खेती, साईकल उपयोग, ऊर्जा संरक्षण के उपाय व हरित (पर्यावरण अनुकूल) जीवनषैली से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन व प्रदूशण को रोकने में सहायता मिलेगी।

कोई टिप्पणी नहीं