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परिवार, शिक्षक और समाज मिलकर करें शिक्षा के साथ संस्कारों का सृजन-पंडित तुलसीदास दुबे

परिवार, शिक्षक और समाज मिलकर करें शिक्षा के साथ संस्कारों का सृजन-पंडित तुलसीदास दुबे

भारतीय शिक्षण मंडल ने आयोजित किया संयोगी वर्ग संस्कार शिविर


गुना -गुरुकुल प्रकल्प भारतीय शिक्षण मंडल गुना मध्य भारत प्रांत ने दिनांक 25 से 27 दिसंबर तक  सतत संयोगी वर्ग(संस्कार शिविर) का आयोजन हनुमान मंदिर सनकादिक आश्रम कुशमोदा में किया । जिसके समापन कार्यक्रम में आज महंत श्री मनमोहन दास जी महाराज, केंद्रीय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य श्री विनायक गोविंद जोशी, प्रोफेसर वृषाली जोशी ,प्रांत गुरुकुल प्रमुख आचार्य पंडित तुलसीदास दुबे के द्वारा भारत माता का पूजन  किया गया । इसके बाद बच्चों ने क्रमशः आकर भारत माता का पूजन किया । तदुपरांत  वर्ग का उद्देश्य बताते हुए प.दुबे ने कहा कि वर्तमान समय में संस्कार हीनता अधिकांश परिवारों की प्रबल समस्या बन चुका हे । चूंकि विद्यालय,महाविद्यालयों में संस्कार सृजन की कोई योजना ही नहीं है। तथा  परिवार में प्रथम गुरु कहे जाने वाले माता,पिता भी बीबिध कारणों से अपने ही बच्चों में शुभ संस्कार देने में अधिकांशतः उदासीन रहते हैं ।परिणामस्वरूप बच्चे उच्च शिक्षित होकर भी अपने परिवार,समाज,और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व के बोध से विमुख दिखाई देते हैं ।समाज की इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु देश की शिक्षा व्यवस्था में आमूल चूल बदलाव कर शिक्षा के पुनुरुत्थान हेतु कृत संकल्पित भारतीय शिक्षण मंडल के गुरुकुल प्रकल्प ने संयोगी वर्ग(बाल संस्कार शिविर)लगाकर बच्चों में विभिन्न रोचक गतिविधियों के माध्यम से परिवार, समाज,राष्ट्र और विश्व के लिए भारतीय चिंतन ,दर्शन संस्कारों से ओतप्रोत सर्व उपयोगी   व्यक्तित्व का निर्माण करने का अभियान चलाया है।महंत मदनमोहन दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में गुरुकुल प्रकल्प के  बाल संस्कार सृजन के अभियान की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए प्रत्येक मंदिर ,आश्रम,विद्यालय,सार्वजनिक भवनों में इस प्रकार के संयोगी वर्ग लगाने की अपील करते हुए समाज से अपने बच्चों को इनमें भेजने का आग्रह किया । जिला गुरुकुल प्रमुख प.रविंद्र शर्मा ने कहा कि वर्ग में  ध्येय श्लोक दिवाकर शर्मा एवं गुरुकुल गीत की रविंद्र  शर्मा ने पुनरावृति सबको करवाई । गौरव लोधा ने बीज मंत्र सहित 13 सूर्य नमस्कार लगवाए । सुखदेव सिंह कुशवाहा ने खेल,समता एवं नियुद्ध ( आत्मरक्षा प्रशिक्षण) का अभ्यास कराया ,गीता के 16 में अध्याय का पठन,विद्या अभ्यास अंतर्गत ज्योतिष, नित्योपयोगी मंत्र, योग ,प्राण विद्या परिचय आचार्य पंडित तुलसीदास दुबे ने कराया । कथाकथन श्री विनय गोविंद जोशी जीने किया ।सुभाषित डा.रत्ना शुक्ल ने तथा अमृत वचन की पुनरावृत्ति महिमा अहिरवार ने  करवाई । चित्रकला,शांति मंत्र प्रोफेसर वृषाली जोशी ने करवाया अंत मैं सभी बच्चों एवं उपस्थित जनों ने भारत माता की आरती की । सुजान सिंह ने वर्ग संबंधी सूचनाएं  दीं । सभी के अल्पाहार के साथ वर्ग संपन्न हुआ ।

नगर संवाददाता -अभिनय मोरे 

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