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स्वतंत्रता संग्राम के अपराजेय योद्धा थे भगवान बिरसा मुंडा -पं. तुलसीदास दुबे

स्वतंत्रता संग्राम के अपराजेय योद्धा थे  भगवान बिरसा मुंडा -पं.  तुलसीदास दुबे 

गुरुकुल प्रकल्प भारतीय शिक्षण मंडल ने मनाई बिरसा मुंडा जयंती


गुना- भारतीय शिक्षण मंडल के गुरुकुल प्रकल्प द्वारा आज अपने ही वनवासी बंधुओं के  ग्राम  गडला गिर्द में जनजातीय गौरव दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा का जयंती समारोह  सरपंच श्रीमती दयालु बाई शहरिया की गरिमामय अध्यक्षता एवं पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामचरण शहरिया के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया ।कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों सहित सभी बनवासी बंधुओं द्वारा पंडित कृष्ण गोपाल भार्गव के मार्ग दर्शन में सर्व प्रथम भारतमाता,श्री रामदरवार,भगवान बिरसा मुंडा एवं जनजातीय योद्धाओं का पूजन किया । दिनेश जाटव ने "युगों युगों से बहती आई हिंदू संस्कृति धारा । इससे ही एकात्म हुआ है सारा राष्ट्र हमारा । "समरसता गीत गाया ।पंडित रबिंद्र शर्मा ने सभी को मंगल तिलक तथा राजेश कुशवाह ने आंटी कलावा बांधकर अभिनंदन किया । कदीर मुहम्मद ने भूमिका रखी । सुजान सिंह कुशवाह ने संगठन का ध्येय मंत्र एवं गीत प्रस्तुत किया तदुप्रांत मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के गुरुकुल प्रांत प्रमुख प. तुलसीदास दुबे ने अपने प्रबोधन में  महान समाज सुधारक शास्त्र और शस्त्र विद्या में समाज को दीक्षित कर  राष्ट्रीय स्वाभिमान को जागृत करने वाले, विदेशी, विधर्मी, अत्याचारी ,आक्रांताओं  के विरुद्ध समाज को संगठित कर प्रचंड संघर्ष के द्वारा विदेशियों को परास्त करने वाले भगवान बिरसा मुंडा   के व्यक्तित्व कृतित्व और राष्ट्र के लिए उनका अतुलनीय योगदान सबके समक्ष रखते हुए बताया किबिरसा मुंडा ने राष्ट्र की रक्षा सेबड़ा कोई पुण्य व्रत कोई यज्ञ नहीं के मंत्र को चरितार्थ कर संगठित क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया जो भारत की राष्ट्रीय आंदोलन की बुनियाद बनी लोकनायक बिरसा मुंडा का  बलिदान आज भी हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। वनवासियों को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने अंधविश्वास पाखंड कुरीतियों से दूर रहने वन संपदा को संरक्षित रखने के  साथ ही गौ रक्षा ,तुलसी पूजा ,गीता पाठ, प्रार्थना के महत्व व जीवन की आचार संहिता  अपनाने के लिए गुरुकुल पद्धति से समाज को शिक्षित किया ।आज सजग होकर उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।इसके उपरांत पं. दुबे ने भगवान बिरसा मुंडा द्वारा दिलाई जाने वालीशपथ दिलाते हुए सभी को कुरीति उन्मूलन, घरों में नित्य आरती,शत प्रतिशत बच्चों को विद्यालय नियमित भेजने ,एक देवालय,एक जल स्रोत एक मुक्तिधाम का बिना भेदभाव के उपयोग करने का सामाजिक समरसता का संकल्प दिलाया ।तदुप्रांत भारतीय शिक्षण मंडल के कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग 300 वनवासी बंधुओं को वस्त्र वितरित किए ।पंच बाबूलाल सहरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया । समरसता प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

नगर संवाददाता -अभिनय मोरे 

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