खाद नहीं मिलने से परेशान किसानों ने किया हंगामा
खाद नहीं मिलने से परेशान किसानों ने किया हंगामा
जिले की बैराड़ तहसील कार्यालय पर किया हंगामा
किसानों ने समिति के कर्मचारियों पर लगाए खाद ब्लैक मार्केटिंग के आरोप
शिवपुरी-शिवपुरी जिले में खाद का संकट कम नहीं हो रहा है। खाद नहीं मिलने से परेशान किसान हंगामा कर रहे हैं। सोमवार को जिले के बैराड़ में यहां खाद न मिलने से परेशान किसानों ने हंगामा किया और तहसील कार्यालय के सामने नारेबाजी की। इस दौरान किसानों ने बैराड़ में खाद का वितरण कर रही समिति के कर्मचारियों पर खाद की कालाबाजारी के आरोप लगाए। किसानों ने इसकी शिकायत बैराड़ तहसीलदार प्रेमलता पाल को दर्ज कराते हुए बताया कि करीब 100 किसान यूरिया खाद के टोकन लेने के लिए सोमवार सुबह से बैराड़ तहसील कार्यालय पर बैठे थे लेकिन समिति कर्मचारी द्वारा केवल 30-40 किसानों को खाद के टोकन बांट कर काउंटर बंद कर दिया गया। किसानों ने पूछा कि कितने टोकन बांटे गए हैं तो कर्मचारी द्वारा 100 टोकन बांटने की बात बताई गई जबकि किसानों का आरोप है कि समिति कर्मचारियों द्वारा केवल 30-40 को खाद के टोकन बांटे गए हैं। किसानों ने समिति कर्मचारियों पर कालाबाजारी के आरोप लगाए।
सुबह से ही केंद्रों पर जुट जाती है किसानों की भीड़-
शिवपुरी जिले में किसानों को खाद नहीं मिलने के बीच परेशान किसान सुबह से ही खाद वितरण केंद्रों पर जुट जाते हैं और यहां पर लाइन में लग जाते हैं। बैराड़ पर किसानों ने यहां पर अपनी जमीन की किताब और आधार कार्ड की कॉपी लगा दी, क्योंकि कई घंटों की लाइन में उन्हें लगना पड़ रहा था। कई किसानों ने बताया कि लंबी लाइन में कई घंटों तक उन्हें लाइन में लगना पड़ता है इसलिए उन्होंने अपना आधार कार्ड और जमीन की किताब रख दी। जिससे किताब और आधार जहां रखे हैं वहीं से उसकी लाइन मानी जाए। एक महिला किसान ने बताया कि वह सुबह से लाइन में लगी थी। उसने अपनी किताब और आधार जमीन पर रख दिया जिससे उसकी पहचान निश्चित हो सके। खाद वितरण केंद्रों पर ऐसे कई किसान हैं जो सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं।
व्यवस्था में नहीं हो पा रहा सुधार-
खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की परेशानी के बीच दूसरी ओर जिला प्रशासन का दावा है कि किसानों को केंद्रों पर सही ढंग से खाद का वितरण हो रहा है। जिला प्रशासन व्यवस्था बनाने के तमाम दावे की बात कहता है लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। केंद्रों पर बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था के बीच वितरण यह बताता है कि किसानों को सही ढंग से खाद नहीं मिल पा रहा है। कई किसानों का कहना है कि एक दो बार वरिष्ठ अधिकारी केंद्रों पर आते हैं उसके बाद चले जाते हैं और केंद्रों पर समिति के कर्मचारी मनमानी करते हैं। रात के समय ब्लैक में यह खाद निजी विक्रेताओं को भेज देते हैं।
नगर संवाददाता -अभिनय मोरे




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