Breaking News

दीपक प्रकाश देना जानता है, दीपक की तरह दानी बनें- कैलाश मंथन

दीपदान के साथ हुआ कार्तिक महोत्सव का भव्य समापन

हिउस के तहत हुए धार्मिक अनुष्ठान संपन्न, हवन, नामजप, संकीर्तन के साथ हुई कार्तिक पूर्णिमा की पूर्णाहूति

दीपक प्रकाश देना जानता है, दीपक की तरह दानी बनें- कैलाश मंथन

दीपदान से होती है आत्मतत्व की जाग्रति - कैलाश मंथन


गुना। विराट हिन्दू उत्सव समिति, चिंतन मंच के तहत कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य दीपदान, हवन, धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। विराट हिउस संस्थापक कैलाश मंथन ने चिंतन हाउस सर्राफा बाजार मेें विधि विधान पूर्वक भगवान विष्णु श्री हरि सत्यनारायण की पूजा एवं यज्ञ कर कार्तिक पूर्णिमा की पूर्णाहूति दी। इस अवसर पर हवन एवं धार्मिक अनुष्ठान किए गए। हिउस के तहत अंचल के प्रमुख धार्मिक स्थलों सहित केदारनाथ, मालपुर एवं अन्य सिद्ध स्थलों पर दीपावली से प्रारंभ हुए दीपोत्सव पर्व का समापन हुआ। इस अवसर पर हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि कार्तिक मास में घर-घर में माताएं, बहनें एवं गृहणियां एक माह तक दीपदान करती हैं एवं उसकी पूर्णाहूति बैकुण्ठ चतुर्दशी को दीपदान एवं पूर्णिमा को हवन तथा स्नानदान के साथ संपन्न होती है। कार्यकर्ताओं के बीच कैलाश मंथन ने कहा कि दीपक प्रकाश देना जानता है इसलिए दीपक की तरह दानी बनें। दीपदान अपनी आत्म जाग्रति का प्रतीक है। इसे सुप्त अवस्था से निकालकर मानव जीवन का वास्तविक लक्ष्य प्राप्त करना ही दीपदान है। मानव शरीर में आत्मरूपी दीपक निरंतर प्रज्जवलित है। दीपक की तरह आत्मा भी बाहरी सृष्टि को प्रकाशित करती है। समय रहते मानव को अपना कर्तव्य जानकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना ही सच्चा धर्म है। इस अवसर पर मंदिरों, नदियों, तालाबों पर दीपदान कर हजारों दीपक जलाए गए।

इस मौके पर श्री मंथन ने बताया कि इस दिन को त्रिपुरोत्सव और त्रिपुरारी पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। यह घटना कार्तिक मास की पूर्णिमा को हुई थी। त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने काशी में अनेकों दीए जलाए। यही कारण है कि हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आज भी काशी में दिवाली मनाई जाती है। चूंकि ये दीवाली देवों ने मनाई थी, इसीलिए इसे देव दिवाली कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली हर्ष और उल्लास के साथ जिलेभर में मनाया गया।

कोई टिप्पणी नहीं