इकोफ्रेंडली पटाखों से मनाएं पर्यावरण अनुकूल दीपावली
इकोफ्रेंडली पटाखों से मनाएं पर्यावरण अनुकूल दीपावली
गुना -पर्यावरण प्रदूशण का प्रकोप सभी जीवों के सामने एक भीशण संकट है इसलिए ईकोफ्रेंडली (पर्यावरण अनुकूल) दीपावली मनाने के संदेष के लिऐ कुलदीपिका सिंह मेमोरियल पर्यावरण जागरूकता अभियान की स्वाधीन पर्यावरण व सामाजिक कार्यकर्ता सुचेताहम्बीर सिंह द्वारा पर्यावरण संरक्षण व जीवन को स्वस्थ बनाने के लिऐ कम आवाज के छोटे ईकोफ्रेंडली ग्रीन पटाखों, सीमित एलईडी बल्बों, मिट्टी के दीपकों के उपयोग द्वारा प्रदूषण रहित दीपावली मनाने जनसमुदाय से अपील कर रहे है। कि धातु युक्त रंगीन आतिषबाजी बेरियम से हरा रंग; कैल्षियम से औरेंज; तांवा से नीला रंग; लीथियम से लाल रंग; सोडियम से पीला व सुनहरा; स्ट्रोंषियम से लाल; अल्यूमीनियम से चमकीला धुआं व पोटेषियम परक्लोरेट आदि घातक रसायनों से बनती है जो जल, जमीन, वायु व ध्वनि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं इसलिए दीपोत्सव पर हांनिकारक रसायनयुक्त आतिषबाजी व मोंमबत्तियों का उपयोग न करके पर्यावरण व जीवन को स्वस्थ बनाने में योगदान दें। आतिषबाजी से वायुमंडल में कई प्रकार की जहरीली गैसे, भारी तत्व, कालिख व पीएम 2.5 व 10 माईक्रोमीटर मांप धूल के कण, सल्फर ऑक्साइड आदि शुद्व वातावरण व जीवों को हांनि पहुचाते हैं जिनसे लोगों में घबराहट, एलर्जी, बहरेपन, अस्थमा, कैंसर जैसी बीमारियों, आगजनी व अपाहिज होने का खतरा है और सभी प्रकार के प्रदूशण से विष्व में करीब 90 लाख और इसमें से भारत देष में प्रतिवर्ष करीब 24 लाख से अधिक लोग अपना जीवन खो रहे हैं जिसमें एक मात्र वायु प्रदूशण से करीब 17 लाख हैं जो विष्व सर्वाधिक हैं तथा धूलकण वायुमंडल में जमा होकर ग्लोबल वार्मिंग को बढाने में सहायक है। कोराना जैसी बीमारी के साथ लोगों के स्वांस तंत्र और फैफडों के लिए पीएम 2.5 व 10 अधिक धातक हो जाते हैं तथा पटाखों में हजारों टन कागज का उपयोग जंगलों के बिनाष के लिए भी दोषी है जंगलों के नष्ट होने तथा तेज ध्वनि से जैवविविधता (जैसे पक्षी, लाभकारी जीव, औशधीय पेड व लाभकारी कीट-पतंगे आदि) नष्ट हो रही है। सुतलीबम जैसे पटाखे से 100-125 डेसिबल की ध्वनि लोगों व जानवरों के बहरेपन व हृदय रोगियों के लिए खतरों का कारण है। इसलिऐ एनजीटी व सरकार के नियम का पालन करते हुऐ स्वच्छ व ग्रीन दीपोत्सव के लिए एकांत स्थानों पर रात 8 से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखों का उपयोग करें। पर्यावरण स्वच्छता व स्वास्थ्य के लिए परंपरागत रीति से ईकोफ्रेंडली दीप-उत्सव मनाने गुना षहर, स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों पर छात्रों, आमजन व इलैक्ट्रोनिक मीडिया ई पोस्टर के माध्यम से भी लोगों को जागरुक कर रहे हैं।




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