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ईकोफ्रेंडली मूर्ति विसर्जन अभियान में एकत्रित की आठ बोरी अधुलनषील सामग्री

 ईकोफ्रेंडली मूर्ति विसर्जन अभियान में एकत्रित की आठ बोरी अधुलनषील सामग्री  


गुना -जल स्रोतों की षुद्वता व पवित्रता को बचाने के लिए पिछले एक दषक से चलाऐ जा रहे कुलदीपिका सिंह मैमोरियल पर्यावरण जागरुकता अभियान जिला पर्यावरण केंद्र्र गुना नेसा नई दिल्ली की स्वाधीन पर्यावरण-सामाजिक कार्यकर्ता सुचेताहम्बीर सिंह द्वारा प्रति बर्श की तरह से इस विजय दषमी के दिन चौपट नदी विसर्जन घाट रुठियाई व गीदिया दोनों स्थानों पर मूर्ति विसर्जन के समय आमजन को अघुलनषील विसर्जन सामाग्री के हांनिकारक प्रदूशणों के बारे में जानकारी दी और कहा कि भविश्य में पर्यावरण व जीवों के लिए हांनिकारक प्लास्टर ऑफ पैरिस व कैमीकलों से निर्मित मूर्तियां को न खरीदें और पानी को दूशित करने वाली किसी भी प्रकार की अघुलनषील सामग्री को नदी व तालाबों में विसर्जन न करें और हमेषा मूर्तियों का विसर्जन किसी अस्थाई जल कुंड में ही करें। विसर्जन के समय सुचेताहम्बीर सिंह ने रुठियाई व गीदिया चौपट नदी पर कार्टनों में पॉलीथिनों, बोरियों, प्लास्टिक व फूल मालाओं, डिब्बा, कांच, कपडा आदि की 8 बोरी में करीब 200 किलोग्राम एकत्रित किऐ जिससे जल स्रोतों की स्वच्छता के साथ ही जलीय व थलीय जीवों को बचाने में योगदान मिलेगा। स्वस्थ्य जीवन के लिऐ नदी व तालाब की स्वच्छता बनाऐ रखना हमारा धर्म है। इसलिऐ सभी धर्मों के लोग ईष्वर समान पवित्र नदियों व तालाबों को दूशित न करें; जल व हवा में कई प्रकार का घुलता प्रदूशण कैंसर, हार्ट, किडनी, लीवर, आदि की बीमारियों का कारण है। बढते प्लास्टिक और पॉलीथिन प्रदूशण के कारण इसके नैनो व माईक्रो लेवल के कण लोगों व नवजात बच्चों के षरीर में पाऐ जाने लगे हैं जो कि भविश्य में किसी भी प्रकार की षारीरिक विकृति का कारण बनेंगे। प्लास्टिक व पौलिथिन प्रदूशण के कारण जलीय, थलीय व आसमानी जीवों की कई प्रजातियां नश्ट हो चुकी है। इसलिऐ प्लास्टिक व पौलिथिन प्रदूशण रोकने व स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्रत्येक व्यक्ति अपना योगदान दें। किसी भी धार्मिक आयोजनों के प्रदूशण को नियंत्रण करने के लिए लोग पॉलिथिनों, सजावट के सामान व बोरियों में बंधी हुई विसर्जन सामग्री को नदी व तालाबों में नही डालें। इस दौरान ईको फ्रेंडली मूर्ति विसर्जन में आमजन ने पूरा सहयोग किया।

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