Breaking News

प्राणी मात्र के ह्दय में विराजमान भगवान को ही भोग लगाना अन्नकूट- कैलाश मंथन

प्राणी मात्र के ह्दय में विराजमान भगवान को ही भोग लगाना अन्नकूट- कैलाश मंथन

गोवर्धन पूजन के साथ हुआ दस दिवसीय अन्नकूट महोत्सव का शुभारंभ

पुष्टिमार्गीय केंद्रों पर हुए अन्नकूट के भव्य आयोजन


गुना। दीवाली के एक दिन बाद मनाया जाने वाला गोवर्धन पर्व इस बार सूर्य ग्रहण के चलते एक दिन लेट बुधवार को मनाया गया। इस मौके पर पुष्टिमार्गीय केंद्रों एवं मंदिरों में भगवान गोवर्धन की पूजन की गई। इसी के साथ अंचल में दस दिवसीय अन्नकूट महोत्सव की श्रृंखला गोवर्धन पूजन के साथ प्रारंभ हुई। पुष्टिमार्गीय केंद्रों सहित अंचल के प्रमुख मंदिरों में हजारों श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी का आनंद लिया। अंचल में अन्नकूट के प्रथम दिवस दो दर्जन स्थानों पर अन्नकूट महोत्सव के दौरान बड़ी संख में भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। विराट हिन्दू उत्सव उत्सव समिति के संस्थापक एवं अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद मप्र के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि विगत एक दशक से हमारा प्रयास रहा है कि अधिक से अधिक स्थानों पर नर सेवा नारायण सेवा हो सके, इस भावना के साथ अन्नकूटों के आयोजनों  को बढ़ावा दिया गया। प्रत्येक वर्ष नई बस्तियों, मंदिरों, निजी संस्थानों, धार्मिक ट्रस्टों के माध्यम से अन्नकूट महोत्सव के दौरान लाखों लोग महाप्रसादी का आनंद ले रहे हैं। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक संपूर्ण समाज का दायित्व है कि समग्र समाज अब जाग्रत होकर अभावग्रस्त मानवता की चिंता करे। दस दिवसीय अन्नकूट महोत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग प्राणी मात्र के ह्दय में विराजमान भगवान को लगाना ही अन्नकूट है।

अंचल में आयोजित होते हैं 500 से अधिक अन्नकूट

हिउस प्रमुख अध्यक्ष कैलाश मंथन के मुताबिक अंचल में 500 से अधिक छोटे-बड़े अन्नकूट शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संपन्न होते हैं। गुना शहर में ही सौ से अधिक स्थानों, बस्तियों, पर अन्नकूट भंडारों में हजारों लोग महाप्रसादी ग्रहण करते हैं। अन्नकूट महोत्सव के पीछे यही भावना रहती है कि हर प्राणी को प्रभु की महाप्रसादी प्राप्त हो। एक अनुमान के मुताबिक अंचल में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु अन्नकूट महोत्सव के दौरान महाप्रसाद ग्रहण करते हैं।

पुष्टिमार्गीय केंद्रों पर शुरू हुए अन्नकूट

अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के जिला संयोजक कैलाश मंथन ने बताया कि वैष्णव मंदिरों, सत्संग मंडलों एवं पुष्टिमार्गीय केंद्रों पर श्री ठाकुरजी को 56 भोग लगाए जाते हैं। इस दौरान अन्नकूटों में हजारों लोगों द्वारा महाप्रसादी ग्रहण की जाती है। बमोरी क्षेत्र के एक सैकड़ा से अधिक गांवों में अन्नकूटों का आयोजन वैष्णव समुदाय द्वारा आयोजित होंगे।

प्रबोधिनी एकादशी पर होंगे कार्यक्रम

देव उठनी ग्यारस के तहत अंचल में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक सभी धार्मिक केंद्रों पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाएगी एवं संध्याकाल प्रबोधिनी एकादशी महोत्सव के तहत देवों को जाग्रत किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं