100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आत्मविश्वास और जागरूकता से गूंजा विद्यालय परिसर
100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आत्मविश्वास और जागरूकता से गूंजा विद्यालय परिसर
रायसेन (अभिनय मोरे) बाल विवाह एक अपराध है, उसका विरोध निडर होकर करें — इसी संदेश के साथ शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की पूर्व संध्या पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला बाल विकास विभाग और कृषक सहयोग संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यालय परिसर आत्मविश्वास और जनजागरण के नारों से गूंज उठा।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना का पाठ और बाल विवाह मुक्त भारत के संकल्प के साथ हुआ। इस अवसर पर पूर्व कार्यक्रमों के 120 प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता, विद्यालय की प्राचार्य स्वाति चौहान ने छात्राओं से कहा कि कमजोर को ही शिकार बनाया जाता है। वे सिर्फ बालिकाएं नहीं, बल्कि समाज की भावी निर्माता और भाग्य विधाता हैं। उन्होंने छात्राओं को शरीर और आत्मा, दोनों से सशक्त बनने का संदेश दिया और संविधान दिवस पर सभी को संविधान की शपथ दिलाई। महिला बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी, राजा वर्मा ने बाल विवाह को सामाजिक बुराई बताते हुए कहा कि भारत को इसे जड़ से मिटाना होगा। उन्होंने अपील की कि यदि कहीं बाल विवाह की सूचना मिले, तो तुरंत इसकी जानकारी संबंधित प्रशासन को दें। ‘एक्सेस टू जस्टिस’ परियोजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में छात्राओं ने आत्मरक्षा के व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त की।
किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य हीरालाल ने आकस्मिक स्थिति में सहायता के लिए 100, 1090 और 112 जैसे हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी। बाल कल्याण समिति की सदस्य ममता पटेल ने कहा कि हर बच्चा सुरक्षा और सम्मान का हकदार है। अगर कोई अपराध होते देखें तो उसे छिपाएं नहीं, बल्कि उसकी सूचना तुरंत दें। कृषक सहयोग संस्थान के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बताया कि संस्था पिछले तीन वर्षों से बाल विवाह, बाल श्रम और बाल शोषण जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लगातार कार्य कर रही है। कार्यक्रम के अंत में 210 बालिकाओं ने बाल विवाह मुक्त भारत के लिए शपथ ली। विद्यालय परिसर में आयोजित पोस्टर और निबंध प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों के साथ कृषक सहयोग संस्थान की मोनिका ठाकरे, शिवनारायण सराठे, राजकुमार साहू द्वारा सम्मानित किया गया। इस आयोजन ने बालिकाओं में आत्मविश्वास, जागरूकता और अपने अधिकारों के प्रति सजगता की नई लहर पैदा की।
यह हुए पुरस्कृत
बाल विवाह बल मुक्त भारत,बाल श्रम और बाल तस्करी और नशा मुक्त समाज तीनों ही विषय में प्रथम शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय की मनीष श्रीवास्तव रही। द्वितीय स्थान पर शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय की श्रेयांशी रजक और आनंदीका चराढ़ा रही। बाल विवाह मुक्त भारत थीम में प्रथम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की अनुष्का यादव द्वितीय मेघा अहिरवार और तृतीय किरण कुशवाहा रहे। बाल श्रम और बाल तस्करी मुक्त भारत थीम में शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय की वैशाली जाटव प्रथम,शासकीय कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय की आसिया खान द्वितीय और वैष्णवी कुशवाह तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं नशा मुक्त समाज विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की अंकित मेहरा प्रथम, तनीषा कुशवाहा द्वितीय और देवी की कुशवाहा तृतीय स्थान पर रही।




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