Breaking News

नायरा एम बनर्जी ने लाल परिधान में बिखेरी भक्ति की आभा, काजोल के साथ पहुँचीं माँ दुर्गा का आशीर्वाद लेने एक पारंपरिक बंगाली पंडाल में

नायरा एम बनर्जी ने लाल परिधान में बिखेरी भक्ति की आभा, काजोल के साथ पहुँचीं माँ दुर्गा का आशीर्वाद लेने एक पारंपरिक बंगाली पंडाल में



शारदीय नवरात्रि की आस्था अपने चरम पर पहुँची, जब टेलीविजन सुंदरता नायरा एम बनर्जी ने लाल रंग की पारंपरिक बंगाली साड़ी में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। वे माँ दुर्गा की दिव्य ऊर्जा बिखेरती नज़र आईं, और उनके साथ थीं दिलों की रानी और गर्वित बंगाली – काजोल, जो एक पारंपरिक दुर्गा पूजा पंडाल में दर्शन के लिए पहुँचीं।


यह एक ऐसा उत्सव था जिसने ग्लैमर, गरिमा और देवी शक्ति को एक साथ पिरो दिया। दोनों को पूजा-अर्चना करते और इस पावन माहौल में डूबते हुए देखा गया — एक अपनी संस्कृति की जन्मजात बेटी के रूप में, और दूसरी उसकी आध्यात्मिक परंपरा की प्रशंसक के रूप में।


काजोल, जो असली बंगाली दीवा मानी जाती हैं, अपनी गहरी जुड़ी हुई दुर्गा पूजा परंपराओं के लिए जानी जाती हैं। इस वर्ष भी उनकी मौजूदगी ने पंडाल में अपनापन, nostalgia और प्रामाणिकता का रंग घोल दिया। वहीं नायरा, जो दर्शन के लिए पहुँची थीं, न सिर्फ इस भव्य आयोजन से मंत्रमुग्ध हुईं, बल्कि अपने आप को सम्मानित महसूस किया कि उन्हें काजोल के साथ यह पल साझा करने का अवसर मिला।


नायरा ने अपने दिल की बात साझा करते हुए कहा:


“मैं हमेशा से काजोल मैम की प्रशंसक रही हूँ — सिर्फ उनके आइकॉनिक किरदारों के लिए नहीं, बल्कि इसलिए भी कि वे अपनी संस्कृति से कितनी गहराई से जुड़ी हैं। आज पंडाल में उनसे मिलना अपने आप में एक आशीर्वाद जैसा लगा। माँ दुर्गा के दर्शन साथ में करना — वो ऊर्जा, वो भक्ति, वो लोग… सब कुछ बहुत ही जादुई और विनम्र करने वाला अनुभव था।”


लाल रंग — जो शक्ति और दिव्य नारीत्व का प्रतीक है — में लिपटी नायरा folded hands और कृतज्ञ आंखों के साथ श्रद्धालुओं के बीच शामिल हुईं। वातावरण ढाक की थाप, सिंदूर की महक और “जय माँ दुर्गा!” के गूंजते जयकारों से भर उठा था। दोनों ने मिलकर इस पर्व की सच्ची भावना का रूप धारण किया — सशक्त, सुंदर और ईश्वर से गहराई से जुड़ा हुआ।


उनकी एक साथ मौजूदगी शक्ति का जीवंत प्रतीक बन गई — स्त्री शक्ति, परंपरा और आंतरिक सामर्थ्य का उत्सव।


जैसे-जैसे नवरात्रि भक्ति के माध्यम से दिलों को जोड़ती जा रही है, नायरा एम बनर्जी और काजोल का यह साझा पल याद दिलाता है कि आस्था की कोई सीमा नहीं होती, और जब स्त्रियाँ एक साथ प्रार्थना में आती हैं, तो ऊर्जा सचमुच दिव्य हो जाती है।

कोई टिप्पणी नहीं