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सहज, सरल पुष्टिभक्ति मार्ग के प्रवर्तक थे श्रीमद् वल्लभाचार्य- कैलाश मंथन

श्रीमद् वल्लभाचार्य जी का 548 वां प्राकट्य महोत्सव 24 अप्रैल को, पुष्टिमार्गीय भक्ति केंद्रों पर होंगे दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम

सहज, सरल पुष्टिभक्ति मार्ग के प्रवर्तक थे श्रीमद् वल्लभाचार्य- कैलाश मंथन


गुना। पुष्टिमार्ग के संस्थापक श्रीमद्  वल्लभाचार्य जी का 548 वां प्राकट्योत्सव 24 अप्रैल को मनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि श्री महाप्रभु जी की जयंती पर पुष्टि भक्ति केंद्रों पर दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत अखंड जप, संकीर्तन, बधाई, पालना महोत्सव के विशेष मनोरथ आयोजित किए जाएंगे। वहीं बमोरी एवं गुना के प्रमुख पुष्टिमार्गीय मंदिरों एवं सत्संग मंडलों में अष्टाक्षर मंत्र जप, सर्वोत्तम जी  यमुनाष्टकम के अखंड पाठ किए जाएंगे। अंचल में बरूथिनी एकादशी बैशाख कृष्ण गुरुवार 24 अप्रैल को श्रीमद्वल्लभाचार्य की 548  वां प्राकट्य महोत्सव मनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख श्री मंथन ने बताया कि प्रकटोत्सव के मौके पर संकीर्तन प्रभातफेरी निकाली जाएगी। इस दौरान 23 अप्रैल को अष्टाक्षर मंत्र श्री कृष्णः शरणम् मम एवं श्री सर्वोत्तम जी के अखंड पाठ एवं 24 अप्रैल को प्रात: 6 बजे से श्रीनाथ मंदिर से प्रभात फेरी आरंभ होगी, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर पहुंचेगी। यहां ठाकुर जी के सम्मुख दीपक प्रज्जवलित कर अष्टाक्षर मंत्र का अखंड जाप, 9:30 बजे पालना महोत्सव, दोपहर 11 बजे तिलक आरती के दर्शन होंगे।

श्री मंथन ने बताया कि श्री महाप्रभु जी का प्राकट्य संवत 1535 में चंपारण्य छत्तीसगढ़ में हुआ था। श्री मंथन के अनुसार मध्यभारत अंचल सहित गुना जिले की करीब 150 शाखाओं में श्री महाप्रभु जी के प्राकट्य महोत्सव पर विविध मनोरथ संपन्न होते हैं। इस मौके पर पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद की बैठक में प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि श्रीमद् वल्लभाचार्य सहज, सरल पुष्टिभक्ति मार्ग के प्रवर्तक थे। मध्यकाल में मुगलों की सत्ता के बीच उन्होंने भगवान कृष्ण की भक्ति को ही एकमात्र आश्रय बताते हुए पुष्टिभक्ति मार्ग की स्थापना की।

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