रसायनिक आतिशबाजी पर्यावरण और जीवों के लिए बहुत धातक -सुचेताहम्बीर सिंह
रसायनिक आतिशबाजी पर्यावरण और जीवों के लिए बहुत धातक -सुचेताहम्बीर सिंह
आगरा -पर्यावरण प्रदूषण आमजन के सामने एक भीषण संकट है इसलिऐ कुलदीपिका सिंह मेमोरियल पर्यावरण जागरूकता अभियान, राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञाान अकादमी व पर्यावरण-सामाजिक विकास संघ नई दिल्ली की सुचेताहम्बीर सिंह द्वारा ईकोफ्रेंडली (पर्यावरण अनुकूल) दीपावली मनाने, पर्यावरण संरक्षण व जीवन को स्वस्थ बनान के लिऐ केवल कम आवाज के छोटे ईकोफ्रेंडली (ग्रीन) पटाखों, सीमित एलईडी बल्बों, मिट्टी के दीपकों के उपयोग द्वारा प्रदूषण रहित दीपावली मनाने जनसमुदाय में अपील कर रहे है। कि जानलेवा जल, जमीन, वायु व ध्वनि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रण करने के लिए दीपोत्सव पर हांनिकारक रसायनयुक्त आतिशबाजी व मोंमबत्तियों का उपयोग न करके पर्यावरण व जीवन को स्वस्थ बनाने में योगदान दें। धातुयुक्त रंगीन आतिशबाजी बेरियम, कैल्सियम, तांवा, लीथियम, सोडियम, स्ट्रोंषियम, अल्यूमीनियम, करकरी, लैड, अल्यूमिनियम, पोटेसियम परक्लोरेट आदि घातक रसायनों से बनती है इनसे वायुमंडल में कई प्रकार की जहरीली गैसे, भारी तत्व, कालिख व पीएम 2.5 व 10 माईक्रोमीटर धूल के कण, सल्फर ऑक्साइड आदि शुद्व वातावरण व जीवों को हांनि पहुचाते हैं जिनसे लोगों में घबराहट, एलर्जी, बहरेपन, अस्थमा, कैंसर जैसी बीमारियों, आगजनी व अपाहिज होने का खतरा है वायु प्रदूषण के कारण देश में प्रतिवर्ष करीब 19 लाख से अधिक लोग अपना जीवन खो रहे हैं जिसमें धातु का प्रदूषण बच्चों को मानसिक व शारीरिक कमजोर बना रहा है। धूलकण वायुमंडल में जमा ग्लोबल वार्मिंग को बढा रहे हैंं और पीएम 2.5/10 माईक्रोमीटर धूल कण वाईरस को फैलाने में भी सहायक हैं पटाखों में हजारों टन कागज का उपयोग जंगलों के बिनाश का कारण हैं सुतलीबम व लोहे की नाल से 100-200 डेसिबल की तेज ध्वनि से जैवविविधता (जैसे पक्षी, लाभकारी जीव व लाभकारी कीट-पतंगे आदि), लोगों व जानवरों के बहरेपन व हृदय रोगियों के लिए खतरों का कारण है। इसलिऐ एनजीटी व सरकार के नियम का पालन करते हुऐ स्वच्छ व ग्रीन दीपोत्सव के लिए रात 8 से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखों का उपयोग करें। इस जागरुकता अभियान में परंपरागत रीति से ईकोफ्रेंडली दीप-उत्सव मनाने छात्रों को सनफलाववर स्कूल मोहन नगर 100 फुटा, ट्रांस यमुना कालौनी 2, कम्पोजिट शासकीय माध्यमिक स्कूल शाहदरा, कालिंदी विहार व टेडी बगिया, शासकीय प्राईमरी स्कूल नुनिहाई, टेक्नोस्टर इंस्टीट्यूट न्यू कौशलपुर आदि स्कूलों, सार्वजनिक स्थलों-रामबाग, टेडी बगिया, अम्बेडकर पार्क 100 फुटा, सब्जीमंडी, नरायच व इलैक्ट्रोनिक तथा व पोस्टर के माध्यम से लोगों को पर्यावरण स्वच्छता के लिए संदेश दे रहे हैं।
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