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मुखौटा कला मंच के नाट्य शिविर का समापन

मुखौटा कला मंच के नाट्य शिविर का समापन


गुना -मुखौटा कला मंच की ओर से आयोजित ग्रीष्मकालीन नाट्य शिविर का समापन मंगलवार को एक निजी स्कूल में हुआ। इस दौरान बच्चों ने नाटक 'पंछी ऐसे आएंगे' का मंचन किया और जन गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावक व दर्शक मौजूद रहे।

मुखौटा कला मंच की ओर से 1 मई से यह शिविर आयोजित किया गया था। एक महीने तक बच्चों को नाटक, गीत और लोकनृत्य की ट्रेनिंग दी गई। शिविर के दौरान बच्चों ने जनगीत, लोक नृत्य ‘बधाई’ और थीम डांस की प्रस्तुति भी तैयार की।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में नाटक 'पंछी ऐसे आएंगे' के लेखक और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सहायक कुल सचिव विवेक मृदुल शामिल हुए। विशेष अतिथियों में शिखर सम्मान प्राप्त वैशाली गुप्ता, प्रेम गुप्ता (चिल्ड्रन थिएटर अकादमी भोपाल), रजनीश जैन, और डॉ. सतीश चतुर्वेदी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ स्वर्गीय कमलेश सूद की स्मृति में आयोजित चित्रकला एवं क्राफ्ट प्रदर्शनी के उद्घाटन से हुआ। 

नाटक 'पंछी ऐसे आएंगे' के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि यदि पर्यावरण को सुरक्षित नहीं रखा गया, तो न तो पंछी आएंगे और न ही जीवन में संतुलन बना रहेगा। नाटक के लेखक विवेक मृदुल और निर्देशक विष्णु झा ने बताया कि इसमें भारत की प्राकृतिक सुंदरता और सामाजिक समरसता को महत्व दिया गया ।

अतिथियों ने मुखौटा कला मंच के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शिविर बच्चों के बौद्धिक और रचनात्मक विकास के लिए जरूरी हैं। फिल्म लेखक विवेक मृदुल ने नाट्य शिक्षा को बच्चों के समग्र विकास से जोड़ते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ अभिभाषक वरुण सूद ने भी बच्चों को शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम का संचालन विष्णु झा ने किया और आभार प्रदर्शन तरुण सूद ने किया।

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