मां दुर्गा की ढाई सौ झांकियां को सम्मानित करेगा चिंतन मंच
मां दुर्गा की ढाई सौ झांकियां को सम्मानित करेगा चिंतन मंच
सर्वश्रेष्ठ नौ झांकियां को विशेष चिंतन पुरस्कार
मां शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्रि महोत्सव
पंडालों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मांग
शहरी एवं ग्रामीण अंचल में 5000 से अधिक स्थानों पर स्थापित हुई मां दुर्गा
गुना। नवरात्रि महोत्सव मां शक्ति की आराधना का पर्व है। प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के 9 दिन एवं चैत्र की नवरात्रों में कुल 18 दिन मां शक्ति की आराधना कर आत्म बल प्राप्त किया जाता है। विराट हिंदू उत्सव समिति एवं चिंतन मंच के प्रमुख कैलाश मंथन ने नवरात्रि के शुभारंभ पर चिंतन हाउस में हुए कार्यक्रम के दौरान कहा भारतवासियों को एवं मातृशक्ति को मां दुर्गा की आराधना कर शक्तिशाली होना चाहिए। घट स्थापना के साथ विजयादशमी तक लगातार शहर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। चिंतन मंच प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक परंपरा अनुसार मां दुर्गा के सर्वश्रेष्ठ प्रथम नौ पंडालों को विशेष पुरस्कार एवं ढाई सौ झांकियां को मां अंबे सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
अंचल में 5000 हजार स्थानों पर मां दुर्गा की हुई स्थापना
इस वर्ष का नवरात्रि महोत्सव विशेष रूप से ऐतिहासिक महत्व लिए हुए है। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष पांडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना में भारी वृद्धि हुई है। विराट हिन्दू उत्सव, चिंतन मंच के संयोजक कैलाश मंथन के मुताबिक उपलब्ध रिकार्ड के मुताबिक अंचल के सैकड़ों ग्राम, कस्बों एवं शहरी क्षेत्रों में करीब 5 हजार दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित हुई हैं। जिले के दूरस्थ एवं जंगली इलाकों में भी नवरात्रि महोत्सव के तहत मां दुर्गा के पांडाल स्थापित हुए है। सिरसी क्षेत्र के आदिवासी एवं जंगली क्षेत्रों में स्थित ग्रामों में दो से पांच प्रतिमाएं स्थापित की गई है। गुना शहर में करीब 250, बीनागंज, चांचौड़ा, राघौगढ़, आरोन, म्याना, कुंभराज, मधुसूदनगढ़, बमोरी, फतेहगढ़ सहित अन्य ग्रामों, कस्बों में 2500से ज्यादा प्रतिमाएं स्थापित हुई हैं। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक मां दुर्गा शक्ति की उपासना का पर्व अपने चरम उत्साह पर है। गुना क्षेत्र के तहत कैंट, गुलाबगंज, रेलवे स्टेशन, श्रीराम कॉलोनी, भुल्लनपुरा, बूढ़े बालाजी, पुरानी छावनी, पठार मोहल्ला, सकतपुर, नानाखेड़ी, पिपरौदा, बायपास, चिंताहरण, गोपालपुरा, पाटई, ऊमरी, बजरंगगढ़, गुना ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1500 पांडालों में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं लगाई गई हैं। शहर में भुल्लनपुरा बीजी रोड, कमला गैरेज, अस्पताल, तलैया, बूढ़ेबालाजी, रेलवे स्टेशन, कोल्हूपुरा आदि क्षेत्रों में विशेष चलित बड़ी झांकियां एवं स्थिर प्रतिमाएं विशेष आकर्षण का केंद्र है। पंचमी से लेकर अष्टमी तक मां की झांकियां देखने लाखों लोगों का सैलाब उमड़ता है। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक शक्तिपीठों निहालदेवी एवं बीस भुजा भवानी एवं शहरी क्षेत्रों में रात्रि में 9 दिनों में 10 लाख लोगों ने मां के दर्शन करने उमड़ते हैं। विराट हिउस प्रमुख श्री मंथन ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन से आम जनता की विशेष सुरक्षा व्यवस्था, प्रमुखता से महिला पुलिस लगाए जाने एवं शक्तिपीठों तक पहुंचने के लिए बस एवं वाहनों का किराया निर्धारित करनेकी मांग की है। वहीं नपा से शहर में साफ सफाई, स्ट्रीट लाईट एवं पेयजल व्यवस्था करने की मांग की है।विसर्जन स्थल नदियों ,तालाबों , पार्वती, सिंध पर विशेष सुरक्षा की मांगकी
गई है।दुर्गा विसर्जन हेतु अधिकांश लोग अंचल की नदियों पर पहुंचते हैं। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि पूर्व में अनेकों बार नदियों एवं पानी के स्त्रोतों पर लोगों की डूबने से मौत के बावजूद प्रशासन सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम रहता है। इस वर्ष बड़ी संख्या में मूर्तियां विसर्जित होगी। इस हेतु पूर्व में व्यवस्था के तहत विसर्जन कुंड भी बनाए जा सकते हैं।
महाराजा अग्रसेन के राज्य में कोई भी निर्धन नहीं था- कैलाश मंथन
हिउस ने किया अग्रसेन शोभायात्रा का भव्य स्वागत
समाजवाद के प्रतीक थे महाराजा अग्रसेन-कैलाश मंथन
गुना। महाराजा अग्रसेन की जयंती पर शहर में निकली शोभायात्रा का सर्राफा बाजार स्थित चिंतन हाउस पर भव्य स्वागत किया गया। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने महाराजा अग्रसेन का पूजन अर्चन कर आरती उतारी। इस मौके पर चिंतन हाउस में आयोजित संगोष्ठी में हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि महाराजा अग्रसेन के समय की मजबूत अर्थ नीति के कारण ही अग्रवाल समाज देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने में प्रमुख स्थान रखता है। महाराजा अग्रसेन के समय उनके राज्य में कोई भी निवासी निर्धन नहीं था। उनके राज्य में बसने वालों को राज्य का प्रत्येक परिवार एक रुपया एक ईंट भेंट कर उसे आवास एवं व्यापार के लिए धन उपलब्ध कराता था। विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में अग्र बंधु व्यापार उद्योग कार्पोरेट जगत में अग्रणी हैं। कार्यक्रम में चिंतन मंच संयोजक कैलाश मंथन, विवेक किशोर गर्ग, रामकृष्ण अग्रवाल, गिर्राज किशोर सहित अनेकों सहयोगियों एवं कार्यकर्ताओं ने हिस्सेदारी की।
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