Breaking News

अनेक जन्मों से बिछडी हुई जीवात्माओं का मिलन ही शरद पूर्णिमा का महारास- कैलाश मंथन

अनेक जन्मों से बिछडी हुई जीवात्माओं का मिलन ही शरद पूर्णिमा का महारास- कैलाश मंथन 

127 भक्ति केंद्रों पर मना शरद पूर्णिमा महोत्सव

दो दिवसीय शरदोत्सव पर हुए भव्य कार्यक्रम 

परमात्मा से साक्षात्कार की शरद निशा है पूर्णिमा : कैलाश मंथन


गुना। अंचल के 127 भक्ति केंद्रों, सत्संग मंडलों, मंदिरों में शरद पूर्णिमा महोत्सव पर दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम संपन्न हुए। अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद एवं विराट हिन्दू उत्सव के तहत अंचल के कृष्ण भक्ति केंद्रों पर शरद पूर्णिमा के तहत विशेष मनोरथ संपन्न हुए। इस अवसर पर बौद्धिक, सत्संग, संकीर्तन एवं वार्ता प्रसंग आदि कार्यक्रम आयोजित हुए। चिंतन हाउस सर्राफा बाजार में वार्ता प्रसंग में परिषद के जिलाध्यक्ष कैलाश मंथन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान कृष्ण के साथ भक्ति रूपी गोपियों के साथ महारास का तात्पर्य जीवात्मा का पूर्ण ब्रह्म पुरूषोत्तम के साथ संयोग होना ही शरद पूर्णिमा की निशा का भाव है। गोपी रूप जीवात्मा जब पूर्ण ब्रह्म पुरूषोत्तम मिलने को बेताव होती है तब होता है महारास। भगवान भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। भगवान से मिलन के लिए गोपी भाव प्राप्त करना जरूरी है। वैष्णव परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि अनेकों जन्मों से बिछड़ी हुई जीवात्माओं का मिलन ही शरद पूर्णिमा में होने वाले महारास का प्रमुख भाव माना जाता है। अंचल के बमोरी क्षेत्र के एक सैकड़ा ग्रामों में ऊमरी, भिडरा, केदारनाथ धाम, लालोनी, मगरोडा, परवाह, बनेह सहित जिला मुख्यालय में स्थित वैष्णव सत्संग मंडलों, मंदिरों, भक्ति केंद्रों पर विशेष मनोरथ, सत्संग, संकीर्तन सभाओं का आयोजन किया गया एवं खीर महाप्रसादी वितरित की गई। इस अवसर पर श्रीमद् भागवत के रास पंचाध्यायी का वाचन किया गया एवं भाव प्रकाश डाला गया। शरद पूर्णिमा पर नारी शक्ति चिंतन मंच की ओर से समाज सेवा में सक्रिय प्रमुख महिलाओं का सम्मान भी किया गया। जिला प्रशासन में पदस्थ एसडीएम श्रीमती शिवानी पांडे जी का भी जय मां अंबे सम्मान देकर संयोजक कैलाश मंथन ने नवरात्रि के दौरान की गई व्यवस्थाओं पर धन्यवाद ज्ञापित किया।

अंतर्राष्ट्रीय पुष्टि मार्गीय वैष्णव शाखाओं का पुनर्गठन

अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद की अंचल में 127 शाखाओं का पुनर्गठन किया जा रहा है। परिषद के जिलाध्यक्ष कैलाश मंथन के मुताबिक गुना-बमोरी अंचल के 250 ग्रामों तक इस वर्ष शाखाओं के गठन करने का लक्ष्य है। ध्यान रहे अंचल में एक लाख से अधिक लोग कृष्णभक्ति केंद्रों से जुड़े हैं।

कोई टिप्पणी नहीं