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स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं के लिए प्रेरणाप्रद- कैलाश मंथन

स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं के लिए प्रेरणाप्रद- कैलाश मंथन

वर्तमान में स्वामी विवेकानंद के विचार प्रासंगिक- कैलाश मंथन
चिंतन मंच के तत्वाधान में विचार गोष्ठी आयोजित


गुना। वर्तमान में स्वामी विवेकानंद के विचार प्रासंगिक है। भारतीय संस्कृति को विश्व में स्थापित करने का श्रेय स्वामी विवेकानंदजी के राष्ट्रवाद से प्रेरित विचारों को जाता है। स्वामी जी ने सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण के लिए वेद, उपनिषदों में छिपे धर्म के रहस्यों को मानव मात्र के लिए उद्घाटित किया। चिंतन मंच के तहत स्वामीजी के जन्मदिवस पर हुई विचार गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए विराट हिन्दू उत्सव समिति के संयोजक कैलाश मंथन ने कहा कि उनका मूल मंत्र था उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत’ कठोपनिषद का यह वाक्य  उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रूको मत। युवाओं को प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा  खड़े हो साहसी बनो, शक्तिमान बनो, सारा उत्तरदायित्व अपने कंधों पर लो और जान लो तुम्हीं अपने भाग्य विधाता हो। जो कुछ बल और शक्ति चाहिए सब तुम्हारे ही अंदर है। अतएव  अपना भविष्य तुम स्वयं गढो।  चिंतन गोष्ठी में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने स्वामीजी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। विराट हिन्दू उत्सव समिति, चिंतन मंच के संयोजक कैलाश मंथन ने स्वामी विवेकानंद जी के स्मारक पर पहुंचकर माल्यार्पण किया एवं स्वामीजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर स्वामीजी के वैचारिक योगदान को याद किया गया। पीजी कॉलेज में प्रात: से लेकर शाम तक बड़ी संख्या में युवाओं ने स्वामीजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने इस अवसर पर भारतीय धर्म दर्शन, साहित्य एवं श्रीमद् भागवत गीता का नि:शुल्क वितरण भी किया।

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