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इंदौर एक शहर नहीं, एक दौर है

इंदौर एक शहर नहीं, एक दौर है

● एनआरआई विदेशी धरती पर भारत के राष्ट्रदूत

● हमारी ताकत दुनिया देख रही है 

प्रवासी भारतीय सम्मेलन का दूसरा दिन

● सुबह 11 बजे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर लैंड हुए। खराब मौसम के कारण निर्धारित समय से लेट हो गए। उन्हें सुबह 10 बजे आना था। एयरपोर्ट पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री उषा ठाकुर, इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पीएम को रिसीव किया।


इंदौर (एजेंसी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2023 को संबोधित किया। इस सम्मेलन में 70 देशों के 3800 से ज्यादा भारतीय

प्रवासी शामिल हुए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारत के राष्ट्रदूत हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विश्व की उभरती अर्थव्यवस्था भारत बन रहा है। टॉप 5 इकोनामी में भारत शामिल हो गया है। दुनिया में भारत को लेकर उत्सुकता है। भारत की विकास की गति असाधारण है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय अपनी माटी को नमन करने आए हैं। हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है। भारतीयों ने जो ठाना है वह करके दिखाया है। भारत में कोरोना महामारी के काल में वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बनाया है। मोदी ने कहा कि करीब 4 वर्षों बाद प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन एक फिर से अपने मूल्य स्वरूप में हो रहा है। ये सम्मेलन मध्य प्रदेश के

उस धरती पर हो रहा है जिसे देश का हृदय क्षेत्र कहा जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है। ये वो दौर है जो समय से आगे चलता है फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक अलग पहचान स्थापित की है। उन्होंने कहा कि हाल ही में, हमने भगवान महाकाल

के मंदिर में पुनर्विकास का उद्घाटन किया है, और मैं आप में से हर एक से अपेक्षा करता हूं कि आप मंदिर की यात्रा करें और महादेव से आशीर्वाद लें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रवासी भारतीय दिवस कई मायनों में खास है। अभी कुछ

महीने पहले ही हमने भारत की आजादी के 75 साल मनाए हैं। यहां स्वतंत्रता संग्राम की प्रदर्शनी लगाई गई है। देश अमृत काल में प्रवेश् कर चुका है। भारत की वैश्विक दृष्टि को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि 'स्वदेशो भुवनत्रयम्श्' अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है, मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए। अलग-अलग देशों, अलग-अलग

सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकती है, भारत ने करके दिखाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र अगले 25 वर्षों के "अमृत काल" में प्रवेश कर चुका है और हमारे प्रवासी भारतीय समुदाय को वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को और ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने प्रवासियों से कहा कि दोस्तों, भारत

के ब्रांड एंबेसडर के रूप में आपकी भूमिकाएं विविध हैं। आप सभी "मेक इन इंडिया", योग, कुटीर उद्योग,

हस्तशिल्प के साथ-साथ भारतीय बाजरा के ब्रांड एंबेसडर हैं। मोदी ने कहा कि आज भारत को आशा और जिज्ञासा की दृष्टि से देखा जा रहा है। वैश्विक मंच पर भारत की आवाज

सुनी जा रही है. भारत इस साल के जी20 का मेजबान भी है। हम इसे केवल एक कूटनीतिक घटना नहीं बनाना चाहते, बल्कि लोगों की भागीदारी का कार्यक्रम बनाना चाहते हैं।


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