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जोशीमठ : आंखों में आंसू, दिल में पुरखों की विरासत गंवाने का संताप लेकर घर छोड़ने को मजबूर लोग

जोशीमठ : आंखों में आंसू, दिल में पुरखों की विरासत गंवाने का संताप लेकर घर छोड़ने को मजबूर लोग

उत्तराखंड के चमोली जिला स्थिति जोशीमठ में हालात बिल्कुल भी सामान्य नहीं हैं. यहां जमीन धंसने और मकानों में दरारें पड़ने की वजह से लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है. अपने पुश्तैनी घर छोड़ते हुए लोग आंसुओं में डूब गए.


उत्तराखंड (एजेंसी)- जोशीमठ में लगातार जमीन धंसने की घटनाएं हो रही हैं. जगह-जगह पर जमीन से पानी भी रिस रहा है. इसके चलते कई घरों और भवनों में गहरी दरारें पड़ चुकी हैं. सड़कों और खेतों में भी दरारें देखने को मिल रही हैं. यहां बहुत से मकान ऐसे हैं, जिन्हें जिला प्रशासन ने रहने के उद्देश्य से बेहद खतरनाक बताया है और उन्हें खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है. अपने पुरखों की विरासत को छोड़ते समय लोग बहुत भावुक नजर आए और कई लोगों के तो आंसू ही निकल आए.

नगर पालिका ने खतरनाक बताए जा रहे भवनों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है. करीब 600 घरों को यहां खाली करवाया गया है. कई लोग तो यहां से पहले ही जा चुके थे, लेकिन कुछ लोग आज यानी मंगलवार 10 जनवरी सुबह तक अपनी पुस्तैनी मकानों में ही रुके हुए थे. आज जब प्रशासन ने उन्हें अपने घरों को खाली करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा तो कई लोग आंसुओं में डूब गए.

लोग अपने पुश्तैनी मकान, घर, आंगन और खेतों को छोड़कर जाने को मजबूर हैं, लेकिन जिस तरह यहां जमीन धंस रही है उसे देखते हुए उन्हें यहां छोड़ा भी नहीं जा सकता. यहां की स्थानीय निवासी बिंदू ने अपने घर के आंगन में रोते हुए कहा, ये मेरी मां का घर है. यहीं पर 19 साल की उम्र में मेरी शादी हुई थी. आज मेरी मां 80 साल की हैं और मेरा एक बड़ा भाई भी है. हमने यह बड़ी मेहनत से कमाई की और इस घर को बनवाया था. पिछले 60 वर्षों से हम यहां रह रहे थे, लेकिन आज यह सब खत्म हो रहा है.

बिंदू ही नहीं, जो कोई भी अपने घरों को छोड़कर जा रहा था, वह अपने एक-एक कमरे, किचन और आंगन के साथ ही पूरे मकान को एक बार अच्छी तरह से देख लेना चाहता था. जिस तरह से इन लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है, उसका दर्द ऐसा कि उनसे पहले ही उनके आंसुओं ने अपना घर छोड़ दिया. गालों पर लुढ़कते हुए आंसू जमीन पर जा गिरे, यह वही जमीन है, जिसे उनके पुरखों ने अपने खून-पसीने से सींचा था. लेकिन आज यह रिश्ता खत्म हो गया.

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