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श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में गुना बंद रहा

श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में गुना बंद रहा 


गुना -जिस देश का नाम जैन धर्म प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव  के पुत्र  भगवान भरत पे रखा गया, जिस देश के राष्ट्र ध्वज में जो चक्र है  वो 24 जैन तीर्थंकरों के लिए समर्पित है, जिस देश में जैन समाज की आबादी मात्र 50 लाख के करीब होने पर भी  जैन समाज 24 प्रतिशत टैक्स देता हो, जो समाज इस देश में सबसे शिक्षित समाज मानी जाती हे, जो समाज हमेशा अहिंसा के मार्ग पे चलती है, शायद बीजेपी ने इसी रास्ते को हमारी कायरता समझ लिया है। जिसके कारण हमारे ना जाने कितने तीर्थ क्षेत्र हमारे हाथो से चले गए। गुजरात में मोदी सरकार के द्वारा पहले हमारा सिद्ध क्षेत्र श्री गिरनार पर्वत हमारे हाथ से चला गया और अब मोदी जी जैनों की शान परम वंदनीय श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटक स्थल बनाकर हमारी भावनाओं के साथ जो खिलवाड़ कर रहे है जैन समाज इसको बिलकुल नही सहेगा। इसलिए अब समय आ गया है इनको दिखाने का जैन भले भी संख्या में कम हैं । जैन समाज द्वारा आयोजित गुना बंद में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करते हुए अपने अपने प्रतिष्ठान बंद कर अपना विरोध जताया।

जैन समाज के शाश्वत तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी को बचाने के लिए आज गुना नगर पूरे दिन तक पूरी तरह बंद रहा जैसा बिदित है कि झारखंड सरकार की अधिसूचना पर केंद्र सरकार के बन पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखरजी को वन प्राणी अभयारण्य एवं ईको फ्रेंडली क्षेत्र घोषित करने के विरोध में।

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