लेप्टोस्पाइरोसिस बरसाती बैक्टीरिया इससे गंभीर बीमारियां होने का खतरा बचाव मै करे योग प्राणायाम:- योगाचार्य महेश पाल
लेप्टोस्पाइरोसिस बरसाती बैक्टीरिया इससे गंभीर बीमारियां होने का खतरा बचाव मै करे योग प्राणायाम:- योगाचार्य महेश पाल
गुना -बरसात का मौसम आते ही चिलचिलाती गर्मी से राहत मिलती है। हालाँकि, यह कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ भी लेकर आता है। बढ़ती नमी, स्थिर पानी और मच्छरों और अन्य रोगाणुओं के फैलने के कारण बरसात के मौसम में बीमारियाँ आम होती हैं।योगाचार्य महेश पाल बताते है कि वर्तमान समय में देखने में आ रहा है इस बरसात के मौसम में अधिकतर बच्चे युवा महिलाएं युवतियां, बुजुर्ग यह सभी वायरल संक्रमण व बैक्टीरिया का शिकार हो जाते हैं जिससे गले में दर्द सांस लेने में तकलीफ सर दर्द आंखों में दर्द तेज बुखार आदि बीमारियां शरीर को जकड़ लेती हैं इन आम बीमारियों के बारे में जागरूक होना और योग को अपनी दिनचर्या मै निवारक उपाय के रूप में शामिल करना आवश्यक हो गया है और योग इस मौसम में आपके स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद कर सकता है।,बरसात के मौसम में डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है। तेज बुखार, तेज सिरदर्द , आंखों के पीछे दर्द मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, चकत्ते और हल्का रक्तस्राव इसके कुछ लक्षण हैं।लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमित जानवरों के मूत्र से प्रदूषित पानी में बैक्टीरिया के कारण होता है। इसके लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, आंखों का लाल होना, पेट में दर्द , पीलिया और दस्त शामिल हैं।लेप्टोस्पाइरोसिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो मनुष्यों और जानवरों को प्रभावित कर सकता है। बिना इलाज के, यह गंभीर रूप ले सकता है। शरीर पर कट लगने या खरोंच आने के माध्यम से बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं और लीवर एवं किडनी को प्रभावित करते हैं। यह संक्रमण लेप्टोस्पाइरा जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया चूहों के पेशाब से दूषित पानी में होते हैं। भारी बारिश और बाढ़ से बैक्टीरिया फैल सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लेप्टोस्पाइरोसिस के लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और कभी-कभी पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना) शामिल हैं। गंभीर मामलों में, यह किडनी और लीवर को नुकसान या मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्लियों की सूजन) का कारण बन सकता है,लेप्टोस्पाइरोसिस और बरसात के समय जन्म लेने वाले बारिश और बैक्टीरिया से बचाव के लिए योग प्राणायाम का उपयोगी साधन है योग प्राणायाम के अभ्यास से हमारे अंदर उच्च इम्यूनिटी क्षमता विकसित होती है जिससे हमारे शरीर मैं रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाती है, और हमारे शरीर के अंदर कोई भी वायरस और बैक्टीरिया प्रवेश नहीं कर पाता जिससे हम विभिन्न प्रकार के वायरल संक्रमण व रोगों से बचे रहते हैं, बरसात के मौसम में सबसे उपयोगी योग अभ्यास के अंतर्गत साधक सूर्य नमस्कार, उत्तांनासना,पर्वतआसन, परिर्वत पाश्वर्वकोणासन,पश्चिमोतानासन,नाड़ी शोधन प्राणायाम सुदर्शन योग क्रिया,आज्ञा चक्र पर ध्यान आदि के अभ्यास से हम पूर्ण रूप से बारिश में जन्म लेने वाले वायरस व बैक्टीरिया से अपने शरीर की सुरक्षा कर सकते हैं इसके अलावा बारिश के मौसम में हमारी आहारचर्या पर हमें ध्यान रखना होगा और साथ में ही हम गिलोय अमृता को काढ़े के रूप मै सेवन और तुलसी अर्क का सेवन 1 सप्ताह में दो बार जरूर करे जिससे वायरल संक्रमण व बैक्टीरिया से तो बचाव होगा ही हमें कई स्वास्थ लाभ मिलेंगे, सुबह उठते से ही सर्वप्रथम गुनगुना पानी पिए, जिनको वायरल संक्रमण हो गया है वह पानी उबालकर ही पिए ज्यादा हरी सब्जियां खाने से बचें, गुड, अजवाइन दालचीनी, लहसुन, अदरक, काली मिर्च, लौंग का का काढा बनाकर जरूर ले जिससे कफ खासी सर्दी जुखाम मै लाभ होगा और रात में सोने से पहले गर्म पानी में हल्दी, काला नमक डालकर गरारे करे जिससे गले के इंफेक्शन से बचा जा सकता है और अपने दिनचर्या में योग प्राणायाम को जरूर शामिल करें,




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