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गरीबी, मजबूरी और सिस्टम की लापरवाही ने ली 18 वर्षीय छात्रा की जान

दर्दनाक हादसा: मोबाइल बचाने के चक्कर में ट्रक से गिरी बेटी, मौके पर ही मौत

गरीबी, मजबूरी और सिस्टम की लापरवाही ने ली 18 वर्षीय छात्रा की जान


गुना-  जिले में बुधवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया, जिसने एक गरीब मजदूर परिवार की मजबूरी, सिस्टम की लापरवाही और त्रासदी की कड़वी हकीकत को उजागर कर दिया। महज़ मोबाइल उठाने के प्रयास में 18 वर्षीय छात्रा ट्रक से नीचे गिर गई और सिर पर गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की शिकार बनी पूनम लोधी विदिशा जिले के हमीदपुर गांव निवासी दारा सिंह लोधी की बेटी थी। दारा सिंह इंदौर की गणेश धाम कॉलोनी में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे थे और महज़ 18,000 की सैलरी में पत्नी प्रीति लोधी व चार बच्चों का पालन-पोषण कर रहे थे। पूनम 12वीं की साइंस छात्रा थी, वहीं उसकी बहन मधु 10वीं, अनुराधा 9वीं और छोटा भाई विराट 6वीं में पढ़ते थे।

हाल ही में नौकरी छूटने के बाद आर्थिक तंगी इतनी बढ़ गई कि परिवार को इंदौर छोडक़र अशोकनगर स्थित ससुराल में शिफ्ट होना पड़ा। पैसे न होने के चलते बस में यात्रा कर पाना भी संभव नहीं था। मजबूरी में दारा सिंह ने एक ट्रक में घर का सामान लादा और पूरे परिवार के साथ ट्रक के पिछले हिस्से में बैठकर सफर शुरू किया। गुना जिले में नेशनल हाईवे-46 पर एक तेज स्पीड ब्रेकर पर ट्रक के उछलने से पिता के हाथ से मोबाइल नीचे गिर गया। मोबाइल उठाने झुकी पूनम संतुलन खो बैठी और ट्रक से नीचे गिर पड़ी। सिर में गहरी चोट लगने के कारण वह मौके पर ही तड़पने लगी। परिवार ने तुरंत 108 एम्बुलेंस को कॉल किया, लेकिन एम्बुलेंस एक घंटे तक नहीं पहुंच सकी। जब तक मदद मिली, तब तक पूनम दम तोड़ चुकी थी। इस हृदय विदारक दृश्य में मां की चीखें, बहनों की रुलाई और पिता की खामोशी हर किसी की आंखें नम कर गई। बेटी को खोने के बाद अब यह परिवार इतना मजबूर है कि शव को विदिशा ले जाकर अंतिम संस्कार तक कराने में असमर्थ है। पिता दारा सिंह ने बताया हमारे पास गुना से विदिशा शव ले जाने तक के पैसे नहीं हैं। कुछ रिश्तेदारों को फोन किया है उम्मीद है वो आएंगे, ताकि बेटी का अंतिम संस्कार किसी तरह हो सके.

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