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शक्तिपीठों एवं पांडालों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मांग

शक्तिपीठों एवं पांडालों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मांग 

3 अक्टूबर को होगी नवरात्रि घट स्थापना 11 को दुर्गा नवमी पर होगी पूर्णाहुति

 नवरात्रि के दौरान नियमित विद्युत सप्लाई एवं पेयजल व्यवस्था की जाए

नौ सर्वश्रेष्ठ झांकियों को, चिन्तन मंच देगा विशेष  पुरस्कार


गुना - 3 से 12 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि दशहरा महोत्सव के दौरान विराट हिन्दू उत्सव समिति ने अंचल के देवी मंदिरों एवं पांडालों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से मांग की है कि नवरात्रि के दौरान सभी देवी मंदिरों में भारी जनसैलाब उमडऩे की संभावना को देखते हुए कड़ी सुरक्षा की जाए एवं यातायात की सुलभ व्यवस्था के तहत ओव्हर लोडिंग एवं मनमाने किराये पर रोक लगाई जाए। ही उषा प्रमुख एवं चिंतन मंच के अध्यक्ष कैलाश मंथन के मुताबिक मां निहाल देवी (65 किमी) एवं मां बीज भुजा भवानी (12 किमी) तक पहुंचने के लिए यात्री वाहनों मेेें मनमाना किराया वसूला जाता है। यातायात विभाग की लापरवाही के चलते लाखों श्रद्धालुओं से निर्धारित किराए से अधिक किराया चार पहिया वाहन संचालकों द्वारा वसूला जाता रहा है। नवरात्रि के दौरान मंदिरों, पांडालों एवं प्रमुख मार्गों पर लगातार विद्युत सप्लाई एवं पेयजल व्यवस्था होना जरूरी है। शक्तिपीठों तक पहुंच मार्गों को नवरात्र से पहले दुरूस्त कराने में लोक निर्माण विभाग प्रशासन ने लापरवाही दिखाई है। बारिश के बाद उक्त मार्ग जर्जर हो चुके हैं। दोनों स्थानों पर पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, ऐसे में निहालदेवी एवं बीसभुजी मार्ग के गड्डे तत्काल भरे जाएं।देखा जाता है कि अव्यवस्थित यातायात के चलते अक्सर इन मार्गों पर दुर्घटनाओं में अनेकों श्रद्धालु दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। पीडब्ल्यूडी विद्युत कंपनी, आरटीओ की लापरवाही से माता के लाखों भक्तों की असुविधा भोगनी पड़ती है।


प्रथम नौ झांकियों को किया जाएगा चिंतन सम्मान से पुरस्कृत

विराट हिन्दू उत्सव समिति द्वारा नवरात्रि एवं दशहरा महोत्सव के दौरान सक्रिय झांकी समितियों, समाजसेवी-धार्मिक संस्थाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ नौ झांकियां को चिंतन पुरस्कार से नवाजा जाएगा एवं करीब दो सौ पचास झांकियों को विशेष सम्मान दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 1980 से नवदुर्गा महोत्सव शहर का सबसे बड़ा महोत्सव बन चुका है। चिंतन मंच के तहत सर्वश्रेष्ठ झांकियों को चिंतन शील्ड प्रदान की जाती है।

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